CBI को भाजपा नेताओं को भी जांच के घेरे में लाना चाहिए: TMC
कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने रविवार को मांग की कि स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) नौकरी घोटाले की निष्पक्ष जांच के लिए पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष को भी इस मामले में केंद्रीय एजेंसियों की जांच के दायरे में लाया जाए। भाजपा ने इसका विरोध करते हुए कहा कि टीएमसी डर रही है क्योंकि भर्ती घोटाले में हर दिन उसके और नेताओं की मिलीभगत सामने आ रही है।
तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव एवं प्रवक्ता कुणाल घोष ने संवाददाताओं से कहा कि अधिकारी जब टीएमसी के साथ थे, तो उन्होंने सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में ग्रुप डी के कर्मचारियों के तौर पर 100 से अधिक व्यक्तियों को नौकरी देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी और उनमें से कई की उच्च न्यायालय के आदेश पर छंटनी हो चुकी है।
टीएमसी के प्रवक्ता ने दावा किया कि दिलीप घोष की जमीन का सौदा एसएससी घोटाले के आरोपी प्रसन्ना रॉय के आवास से मिला था, जो इस समय सीबीआई की हिरासत में हैं और इसलिए भाजपा के पूर्व प्रदेश प्रमुख से भी पूछताछ की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, टीएमसी पर उंगली उठाने से पहले, हमारी पार्टी को बदनाम करने से पहले, केंद्रीय एजेंसियों द्वारा शुभेंदु और दिलीप-दा से जल्द से जल्द पूछताछ की जाए। शुभेंदु को जांच के दायरे में क्यों नहीं लाया जा रहा है, जबकि उन्होंने ग्रुप डी के 150 कर्मचारियों को नौकरी देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिनमें से 55 को माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार बर्खास्त कर दिया गया है। वह तब टीएमसी के साथ थे।
क्या अब भाजपा के साथ जुड़ने के कारण उन्हें हाथ नहीं लगाया जा रहा है? टीएमसी के प्रदेश महासचिव ने कहा, हम चाहते हैं कि पूरी सच्चाई सामने आए, हम जांच एजेंसियों के साथ सहयोग करेंगे और अगर टीएमसी से जुड़ा कोई भी व्यक्ति शामिल पाया जाता है तो कानून को अपना काम करने दें। उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों पर भाजपा नेताओं के प्रति "तरजीही व्यवहार" अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि "यदि जांच व्यापक दायरे में आती है तो इससे जांच में मदद मिलेगी।
टीएमसी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए मिदनापुर के भाजपा सांसद दिलीप घोष ने एक न्यूज एजेंसी से कहा, भाजपा जनता के पैसे लूटने की संस्कृति में विश्वास नहीं करती जो कि टीएमसी जैसी भ्रष्ट पार्टी की संस्कृति है। उन्होंने कहा, नौकरी के आकांक्षी लोगों से लाखों रुपये लेने और योग्य उम्मीदवारों को वंचित करने के आरोप में पार्टी के एक के बाद एक पदाधिकारियों की गिरफ्तारी से कुणाल घोष इतने भयभीत क्यों हैं। क्या उन्हें डर है कि एजेंसियां धीरे-धीरे बड़े नामों तक पहुंचेंगी।
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