हल्द्वानीः 2022 का मामला, 2023 में कार्रवाई, इंश्योरेंस में गड़बड़ी तो वाहन स्वामियों को नोटिस

हल्द्वानी अमृत विचार। संभागीय परिवहन कार्यालय में अगस्त 2022 में हैवी व्यावसायिक वाहनों के इंश्योरेंस में गड़बड़ी का प्रकरण संज्ञान में आया था जिसके बाद आरटीओ संदीप सैनी ने 12 अगस्त 2022 को एआरटीओ (प्रशासन) विमल पांडे को उक्त प्रकरण में जांच कर कार्रवाई के लिए निर्देश दिए थे। साथ ही यह भी निर्देश दिए थे कि विशेषतः उप खनिज खनन में लगे वाहन, जो बीते सितंबर, अक्टूबर एवं नवंबर 2021 में रिलीज हुए हैं उनको रैंडम्ली बीमा इंश्योरेंस कंपनी से सत्यापित करवा लिया जाए व अनियमितता पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाए।
जांच अधिकारी की तरफ से कुछ वाहनों के सत्यापन के लिए बीमा कंपनियों को लिखा गया और कुछ कंपनियों से फोन पर संपर्क कर जानकारी चाही गयी। जिन कंपनियों से पत्राचार किया गया था उनकी तरफ से कोई भी जवाब नहीं दिया गया किन्तु एक बीमा कंपनी की तरफ से विभाग को कुछ वाहनों की जानकारी साझा की गई जिसमें कंपनी ने अवगत कराया कि इन वाहन स्वामियों ने चार पहिया एवं भार वाहन होने के बाद भी गलत तरीके से दो पहिये वाहन का बीमा करवा लिया, जिसे इंश्योरेंस कंपनी ने अपलोड कर दिया। उक्त से यह स्पष्ट हो गया कि संबंधित वाहन स्वामियों ने यह जानते हुए भी, कि उनका वाहन चार पहिया है जिसको दो पहिये में इन्श्योरेंस करवा दिया गया जिसे परिवहन विभाग के वाहन 4.0 सॉफ्टवेयर में भी इंश्योरेंस कंपनी ने अपलोड कर दिया और वाहन स्वामियों ने कार्यालय में वाहन रिलीज, फिटनेस, परमिट इत्यादि के काम करवाए। आरटीओ संदीप सैनी ने तत्काल ऐसे 528 वाहनों को ब्लैक लिस्ट करने के निर्देश दिए साथ ही एआरटीओ विमल पांडे को सभी वाहन स्वामियों को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिए।
जवाब न प्राप्त हाने की स्थिति में उनके पंजीयन के विरुद्ध मोटर वाहन अधिनियम 1988 की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत नियमानुसार कार्रवाई करने के आदेश दिए। इसके अलावा यह निर्देश दिए गए हैं कि जिन इंश्योरेंस कंपनियों ने पत्राचार के बाद भी जवाब नहीं दिया है उन्हें भी इस गड़बड़ी में संलिप्त मानते हुए इंश्योरेंस रेगुलेटरी डेवलपमेंट अथॉरिटी को ऐसी कंपनियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई के लिए संस्तुति की जाए। साथ ही भविष्य में कार्यालय में आने वाले सभी आवेदकों से वाहनों की किसी भी कार्य के लिए स्क्रूटनी किये जाने पर मूल इंश्योरेंस पॉलिसी डॉक्यूमेंट को अपलोड करवाया जाए और कार्यालय में वेरीफाई कर वापस किया जाए।