मुरादाबाद : वाह री पुलिस! घोड़ी चोरी से झाड़ा पल्ला, चोर आजाद

घोड़ी की कमाई से घर के सदस्यों की परवरिश करने वाले परिवार के मुखिया के सिर पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है

मुरादाबाद : वाह री पुलिस! घोड़ी चोरी से झाड़ा पल्ला, चोर आजाद

मुरादाबाद, अमृत विचार। आपराधिक घटनाओं को पचा जाने की कला कोई पुलिस से सीखे। दिन दहाड़े चोरी की एक वारदात पुलिस इस कदर पी गई मानों पानी। पीड़ित की गुहार व साक्ष्य दोनों को नजरंदाज करते हुए पुलिस ने चोर तक को छोड़ दिया। महानगर पुलिस का हैरतअंगेज खेल देख लोगों ने भी दांतों तले अंगुली दबा ली। बहरहाल कैमरे तक में कैद हुई चोरी व पुलिसिया सीनाजोरी का मामला शहर की सुर्खियों में है। घोड़ी की कमाई से घर के सदस्यों की परवरिश करने वाले परिवार के मुखिया के सिर पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।

घोड़ी चोरी की घटना शहर में सिविल लाइंस थाना क्षेत्र की है। नया गांव निवासी विजय के मुताबिक उन्होंने घोड़ी पाली है। सोमवार को सुबह उनकी घोड़ी चारा खाने के लिए छोड़ दी गई। हालांकि, घोड़ी के मालिक को पहले ही पशु चोरी होने की आशंका था। इसलिए उन्होंने घोड़ी के गले में रस्सी बांध दी। इस बीच चोरों की नजर घोड़ी पर गड़ गई। रस्सी खोल कर घोड़ी को चुपचाप वह अपने साथ लेकर जाने लगे। कुछ देर ही बीता था। तभी घोड़ी की तलाश करते मालिक मौके पर पहुंच गया। मौके से घोड़ी गायब देख मालिक के होश फाख्ता हो गए। चीख पुकार करते हुए वह अपनी घोड़ी की तलाश में जुटा।
  तब राहगीरों ने बताया कि उसकी घोड़ी फकीरपुरा रेल फाटक की ओर जाते देखी गई है। घोड़ी की रस्सी एक व्यक्ति के हाथ में है। बदहवासी के हाल में मालिक घोड़ी के पीछे भागा। रेलवे समपार के समीप घोड़ी मिल गई। घोड़ी चुराने के आरोप में एक व्यक्ति को भी मालिक ने दबोच लिया।

 घोड़ी मालिक के होश तब उड़ गए, जब कथित चोरी ने घोड़ी को अपना बताया। दोनों पक्षों के बीच सरेराह मारपीट भी हुई। मौके पर भीड़ जमा हुई। मामला फकीरपुरा चौकी पहुंचा। दोनों पक्ष पुलिस चौकी पहुंचे। तब उम्मीद जगी कि दिन दहाड़े चोरी की घटना में पुलिस न्याय करेगी। देर शाम पुलिस ने जो जवाब दिया, वह न सिर्फ चौंका गया, बल्कि खाकी की कार्यप्रणाली भी सवालों में घिर गई।

घोड़ी चोरी की घटना मुझे नहीं पता: चौकी प्रभारी
सिविल लाइंस थाने की फकीरपुरा चौकी के प्रभारी सोमपाल सिंह ने बताया कि क्षेत्र में घोड़ी चोरी होने की घटना संज्ञान में नहीं है। स्वयं को कोर्ट के कामकाज में व्यस्त बताते हुए उन्होंने मातहतों से भी पूछताछ की। मगर घोड़ी चोरी के असल राज को उगलने से मातहत किनारा कस गए। पर्दे के पीछे पुलिस की भूमिका फिलहाल सवालों में घिर गई है। अब चौपाल पर चोर संग पुलिस की दरियादिली के निहितार्थ तलाशे जा रहे हैं।

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