बरेली: कल है संकष्टी गणेश चतुर्थी, पुत्र की दीर्घायु के लिए माताएं रखेंगी व्रत
रात को 8:22 बजे चंद्रोदय के समय दिया जाएगा अर्घ्य
बरेली, अमृत विचार। संकटों का नाश करने वाली संकष्टी गणेश चतुर्थी मंगलवार को मनाई जाएगी। इस दिन संतान की दीर्घायु के लिए माताएं निर्जल व्रत रख विधि-विधान से श्री गणेश और चंद्रदेव की पूजा-अर्चना कर अर्घ्य देंगी। पंचांग के अनुसार, 10 जनवरी को माघ कृष्ण तृतीया तिथि का मान सुबह 9:35 बजे, इसके बाद संपूर्ण दिन और रात्रि पर्यंत चतुर्थी तिथि है। इस दिन श्लेषा नक्षत्र सुबह 7:11 बजे है।
व्रत की महिमा
ज्योतिषाचार्य पं. रमाकांत दीक्षित के अनुसार भविष्य पुराण में कहा गया है कि संकष्टी चतुर्थी का व्रत संकटों और मुसीबतों से घिरा होने या निकट भविष्य में किसी अनिष्ट की आशंका होने पर विशेष हितकारी है। इससे इस लोक और परलोक में सुख मिलता है। इस व्रत को करने से विद्यार्थी को विद्या और रोगी को आरोग्यता की प्राप्ति होती है।
चंद्रोदय के समय दिया जाएगा अर्घ्य
पंचांग के अनुसार, इस दिन रात को 8: 22 बजे चंद्रोदय का समय है। इसी समय अर्घ्य दिया जाएगा। माघ कृष्ण चतुर्थी के अर्घ्य में जल में लाल चंदन, पुष्प, दूर्वा, तिल, शमी पत्र और गाय के दूध, दही का प्रयोग किया जाता है।
अर्घ्य अर्पित करने की विधि
ग्रीन पार्क निवासी पं. वासुदेव शास्त्री के अनुसार तिथि की अधिष्ठात्री देवी और रोहिणी पति चंद्रमा को कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को गणेश पूजन के पश्चात अर्घ्य प्रदान करना चाहिए। गणेश पुराण के अनुसार चंद्रोदय काल में गणेश के लिए तीन, तिथि के लिए तीन और चंद्रमा के लिए सात अर्घ्य प्रदान करना चाहिए।
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