बांदा : बीमा कंपनी मृतकाश्रितों को देगी 1 करोड़ 35 लाख का मुआवजा

तीन साल पहले हादसे के शिकार हुए थे एआरटीओ व सिपाही

बांदा : बीमा कंपनी मृतकाश्रितों को देगी 1 करोड़ 35 लाख का मुआवजा

अमृत विचार,बांदा। मोटर वाहन दुर्घटना न्यायालय ने शुक्रवार को देर शाम यह अहम फैसला सुनाया। तीन साल पहले गिरवां के समीप सड़क हादसे का शिकार हुए एआरटीओ व सिपाही के आश्रितों को प्रयागराज की बीमा कंपनी 1 करोड़ 35 लाख रुपये मुआवजा देगी।

इतना ही नहीं उसे वाद दायर करने की तिथि से अब तक साढ़े सात फीसद ब्याज भी देना पड़ेगा। बीमा कंपनी ने हादसे के समय वाहन को तेज गति से चलाये जाने का बहाना कर क्लेम देने से इन्कार कर दिया था। बीमा की यह राशि व ब्याज अब कंपनी को एक माह के भीतर जमा करना होगा।


उप संभागीय परिवहन अधिकारी उदयराम में तैनात थे। 24 सितंबर 2019 को वह अपनी अनुबंधित बोलेरो कार से ओवरलोड वाहनों की जांच करने बांदा-नरैनी मार्ग पर जांच करने गये थे। लौटते वक्त रास्ते में गिरवां थाने के पास तेज गति से आ रहे ट्रक ने पीछे से कार में जोरदार टक्कर मार दी, जिससे प्रवर्तन सिपाही लल्लूराम की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एआरटीओ उदयराम गंभीर रूप से घायल हो गये।

स्वजन एआरटीओ उदयराम को कानपुर रीजेंसी से मेदांता गुड़गांव ले गए। इलाज के दौरान यहां 26 सितंबर को एआरटीओ की मृत्यु हो गई। सिपाही शिवप्रकाश कुशवाहा ने घटना की रिपोर्ट 26 को ही गिरवां थाने में दर्ज कराई। एआरटीओ उदयराम और प्रवर्तन सिपाही लल्लूराम ने प्रयागराज की बीमा कंपनी न्यू इंडिया इंश्योरेंश से जीवन बीमा करा रखा था और नियमित प्रीमियम भी भरा जा रहा था।

दोनों की हादसे में मौत के बाद आगरा निवासी एआरटीओ की पत्नी गीता देवी और बडेया (सोरांव), प्रयागराज निवासी लल्लूराम की पत्नी कलावती ने बीमा कंपनी में मुआवजा के लिए क्लेम किया, लेकिन बीमा कंपनी ने यह कर बीमा देने से मना कर दिया कि हादसे के सामने वाहन की रफ्तार बहुत तेज थी और चालक शराब के नशे में था। गीता व कलावती ने कई माह भाग दौड़ की, पर मायूसी हाथ लगी।

5 नवंबर 2019 को गीता व कलावती ने मोटर दुर्घटना न्यायालय में वाद दायर किया और न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी प्रयागराज, ट्रक चालक सतना निवासी प्रमोद कुमार द्विवेदी, खलासी ग्राम मझगवां जिला चित्रकूट निवासी सद्दाम हुसैन तथा कछिया पुरवा बिसंडा निवासी श्रीराम पुत्र मोहन को पक्षकार बनाया। वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के विरुद्ध याचीगण की याचिका स्वीकार करते हुए सुनवाई की। सभी विपक्षियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया।

विपक्षी न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी ने अपना वही जवाब रखा। शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश धर्मेंद्र कुमार पांडेय ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनी और पत्रावली में उपलब्ध सभी अभिलेखों का परिशीलन किया। बीमा कंपनी की दलीलों को खारिज करते अपना फैसला सुनाया। न्यायाधीश ने अपने निर्णय में कहा कि एआरटीओ उदयराम बांदा में तैनात थे।

उसी वक्त यह हादसा हुआ। उस समय उनका मासिक वेतन 85 हजार रुपये था। वहीं एआरटीओ के साथ रहे प्रवर्तन सिपाही लल्लूराम का वेतन प्रतिमाह 60 हजार रुपये था। ऐसी स्थिति में दोनों याची बीमा कंपनी से बीमा क्लेम की धनराशि पाने के अधिकारी हैं।

न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि एआरटीओ उदयराम के आश्रितों को 92 लाख 57 हजार 014 रुपये की धनराशि एक माह के भीतर दी जाए। साथ ही याचिका दायर होने की तिथि से साढ़े सात फीसद ब्याज भी दिया जाये। प्रवर्तन सिपाही लल्लूराम के स्वजन को 42 लाख 69 हजार 223 रुपये दिये जायें। इस राशि में 30-30 प्रतिशत मृतक की पत्नियों व 70-70 प्रतिशत राशि बच्चों को दी जायेगी।

यह भी पढ़ें:-चित्रकूट: नशे में धुत दबंग ने नाबालिग से किया दुराचार