एफटीएक्स में फंड के संकट से कारोबार ठप, जांच शुरू
एफटीएक्स अपने ग्राहकों को मंच पर क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार या फंड निकासी की सुविधा बंद कर रहा
कंपनी के वकील राएन मिलर ने कहा कि एफटीएक्स कानूनी एजेंसियों एवं नियामक संस्थाओं के साथ ही सहयोग कर रही है।
न्यूयॉर्क। पहले से ही मुश्किलों का सामना कर रहे क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एफटीएक्स ने खातों तक 'अनधिकृत पहुंच' होने से फंड का अभाव होने से कारोबार या निकासी का विकल्प बंद करने के साथ ही दिवाला प्रक्रिया से बचने की अर्जी लगा दी है। एफटीएक्स के नए मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जॉन रे तृतीय ने शनिवार को कहा कि एफटीएक्स अपने ग्राहकों को मंच पर क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार या फंड निकासी की सुविधा बंद कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ग्राहकों की परिसंपत्तियों को सुरक्षित रखने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
कंपनी के वकील राएन मिलर ने कहा कि एफटीएक्स कानूनी एजेंसियों एवं नियामक संस्थाओं के साथ ही सहयोग कर रही है। अभी यह नहीं पता चल पाया है कि एफटीएक्स के खातों तक अनधिकृत पहुंच होने से कितनी राशि खतरे में आई है लेकिन विश्लेषक फर्म एलिप्टिक का मानना है कि एक्सचेंज से 47.7 करोड़ डॉलर की बड़ी राशि गायब हो चुकी है। इस बारे में सोशल मीडिया पर ऐसी चर्चाएं तेज हो गई हैं कि कहीं एफटीएक्स के खातों की हैकिंग तो नहीं हो गई थी। इसके अलावा किसी भीतरी शख्स के ही इस गड़बड़ी में शामिल होने की भी आशंका जताई जा रही है।
महज दो हफ्ते पहले तक एफटीएक्स दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज था। लेकिन कुछ दिनों में ही इसके परिसंपत्ति आकार में भारी गिरावट आई और शुक्रवार को इसके संस्थापक एवं सीईओ सैम बैंकमैन-फ्राइड ने इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही एक्सचेंज ने दिवाला प्रक्रिया से बचने की अर्जी भी लगा दी है। इसने अपनी परिसंपत्तियों का मूल्य 10 अरब डॉलर से लेकर 50 अरब डॉलर तक लगाया है।
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