बांदा : संसार दुखों का सागर, श्रीमद् भगवत कथा मुक्ति दिलाने में समर्थ

बांदा : संसार दुखों का सागर, श्रीमद् भगवत कथा मुक्ति दिलाने में समर्थ

बांदा, अमृत विचार। संसार दुखों का सागर है, लेकिन व्यक्ति परीक्षित की भांति श्रीमद् भागवत कथा को सुनकर अपने दुखों से मुक्ति पा सकता है। यही कारण है कि हर सनातनी इस नश्वर शरीर को त्यागने से पहले कम से कम एक बार इस कथा का रसपान अवश्य करना चाहता है। गायत्री शक्तिपीठ शास्त्री नगर …

बांदा, अमृत विचार। संसार दुखों का सागर है, लेकिन व्यक्ति परीक्षित की भांति श्रीमद् भागवत कथा को सुनकर अपने दुखों से मुक्ति पा सकता है। यही कारण है कि हर सनातनी इस नश्वर शरीर को त्यागने से पहले कम से कम एक बार इस कथा का रसपान अवश्य करना चाहता है। गायत्री शक्तिपीठ शास्त्री नगर में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह में भागवत कथा सुनने के लिए श्रोताओं की भीड़ उमड़ पड़ी। पूरा पंडाल गायत्री मंत्र से गूंजता रहा।

श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ में कथा व्यास डॉ.रामनारायण त्रिपाठी दार्शनिक, व्यवहारिक तथा वैज्ञानिक साक्ष्य के साथ प्रस्तुति देकर श्रोताओं को ज्ञान गंगा में गोते लगवा रहे हैं। कथाव्यास अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक पं.श्रीराम शर्मा आचार्य के शिष्य तथा गायत्री शक्तिपीठ चित्रकूट के संचालक है। कथा व्यास श्रीत्रिपाठी ने कहा कि व्यक्ति परीक्षित की भांति दुखों से मुक्ति पा सकता है। कहा कि यदि क्रमबद्धता का ध्यान रखा जाये तो वास्तव में भागवत ही पूर्ण ग्रंथ है।

यदि कोई अन्य ग्रंथों को न पढ़ या सुन पाएं तो भी भागवत महापुराण वह सब ज्ञान अकेले ही देने में समर्थ है। इसीलिये श्रीमद् भागवत कथा में सबसे अधिक पुण्य निहित है और हर सनातनी विचार वाले एक बार भागवत कथा श्रवण कर इस नश्वर शरीर को छोड़ने से पहले इस कथा को सुनना अपना परम कर्तव्य मानते हैं।

यदि को व्यक्ति इस कथा को जीवित अवस्था में नहीं सुन पाते तो उनके उत्तराधिकारी मरणोपरांत कथा अवश्य सुनते हैं। कथा के पूर्व श्रीत्रिपाठी का शॉल और पगड़ी पहनाकर दिनेश दीक्षित, विनीत दीक्षित, अमित सेठ भोलू ने सम्मान किया। इसी कड़ी में रूद्र प्रसाद मिश्रा, राम प्रसाद सोनी, अरुण निगम ने कथा वाचन के समस्त लोगों को सम्मानित किया।

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