पीलीभीत: पुलिस और वन विभाग टीम पर हमले के दोषियों को कोर्ट ने सुनाई पांच साल की सजा, जुर्माना

पीलीभीत, अमृत विचार: अपर सत्र न्यायाधीश अनु सक्सेना ने हजारा थाना पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीम पर जानलेवा हमला करने के मामले में ग्राम सिंघाड़ा उर्फ टाटरगंज के रहने वाले पांच आरोपी पलविन्दर सिंह उर्फ पम्मी, गुरबाज उर्फ बाजू, राम सिंह उर्फ रामू, सुखदेव सिंह और धर्मेन्द्र सिंह को दोषी पाते हुये पांच वर्ष कैद और प्रत्येक को 24500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। वहीं एक आरोपी सुरजीत सिंह उर्फ बाबू की परीक्षण के दौरान मृत्यु हो जाने के कारण उसके विरुद्व मुकदमे की कार्यवाही न्यायालय ने उपशमित कर दी।
अभियोजन कथानक संक्षेप में इस प्रकार है कि 23 मार्च 2015 को थाना हजारा की पुलिस चौकी कम्बोज नगर के प्रभारी दरोगा सच्चिदानन्द राय पुलिस बल और वन विभाग के डिप्टी रेंजर सचल दल खीरी बीके गुप्ता की टीम के साथ 1.15 बजे संयुक्त रुप से गश्त पर कम्बोज नगर से टाटरगंज पहुंचे।
इस दौरान मुखबिर से सूचना मिली कि ग्राम टाटरगंज के जंगल में ग्राम टाटरगंज के सुरजीत सिंह उर्फ बाबू, पलविन्दर सिंह उर्फ पम्मी, गुरबाज उर्फ बाजू, राम सिंह उर्फ रामू, सुखदेव सिंह और धर्मेन्द्र सिंह अपने चार-पांच अन्य साथियों के साथ जंगल से शीशम की बेशकीमती लकड़ी चोरी से काटकर लाये हैं और नेपाल ले जाने की तैयारी में है। इस पर संयुक्त टीम टाटरगंज के जंगल में बाबू के गन्ने के खेत के पास पहुंची तो देखा कि दो टैक्टर खड़े हैं।
शीशम के लकड़ी के मोटे तने भी पड़े हुए हैं। वहां सुरजीत सिंह उर्फ बाबू आदि अपने चार-पांच साथियों के साथ बैठा है। टीम आरोपियों को पहले से जानती थी। टार्चों की रोशन पड़ते ही आरोपियों ने टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। टीम की ओर से भी जवाबी फायरिंग की गई। इस पर आरोपी नेपाल सीमा की ओर भाग गए।
टीम ने मौके से शीशम के सात पेड़ , एक पौनिया बंदूक, एक खोका कारतूस आदि बरामद किए। विवेचना के बाद पुलिस ने आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश अनु सक्सेना की अदालत में हुई। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपियों को सजा सुनाई है।
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