ज्ञापन : जलप्रपात का नाम न बदलें नहीं तो आदिवासी समाज करेगा आंदोलन

ज्ञापन : जलप्रपात का नाम न बदलें नहीं तो आदिवासी समाज करेगा आंदोलन

अमृत विचार, चित्रकूट। मानिकपुर क्षेत्र में स्थित शबरी जलप्रपात का नाम बदलकर तुलसी जलप्रपात किए जाने का विरोध बढ़ता जा रहा है। अब सोमवार को आदिवासी समुदाय की ओर से आशीष कुमार ने सांसद आरके सिंह पटेल और जिलाधिकारी अभिषेक आनंद को ज्ञापन सौंपा। उनका कहना है कि अगर नाम पूर्ववत् न हुआ तो आदिवासी …

अमृत विचार, चित्रकूट। मानिकपुर क्षेत्र में स्थित शबरी जलप्रपात का नाम बदलकर तुलसी जलप्रपात किए जाने का विरोध बढ़ता जा रहा है। अब सोमवार को आदिवासी समुदाय की ओर से आशीष कुमार ने सांसद आरके सिंह पटेल और जिलाधिकारी अभिषेक आनंद को ज्ञापन सौंपा। उनका कहना है कि अगर नाम पूर्ववत् न हुआ तो आदिवासी और वनवासी समाज आंदोलन को बाध्य होगा।

आशीष ने बताया कि कुछ दिन पहले लखनऊ से वनविभाग की एक वरिष्ठ अधिकारी ने रानीपुर टाइगर रिजर्व के लिए पाठा क्षेत्र का दौरा किया था। इस दौरान शबरी जलप्रपात भी गई थीं। आरोप लगाया कि स्थानीय अधिकारियों और कुछ लोगों ने उनको भ्रमित किया, जिसके फलस्वरूप बिना स्थानीय स्तर पर प्रस्ताव मांगे जलप्रपात का नाम बदलकर तुलसी जलप्रपात रख दिया गया।

कहा कि शबरी माता इस क्षेत्र में रह रहे आदिवासियों की आराध्य हैं। क्षेत्र के आदिवासी परिवार इस प्रपात को तीर्थस्थल के रूप में देखते है। शबरी जलप्रपात का नाम राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख ने ही तत्कालीन जिला प्रशासन को सुझाया था।

कहा कि समय रहते जलप्रपात का नाम पूर्ववत् शबरी माता के नाम पर नहीं रखा गया तो आदिवासी और वनवासी समुदाय क्रमिक अनशन, भूख हड़ताल के लिए बाध्य होगा। उन्होंने बताया कि सांसद ने बताया कि उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य नाम न बदलने का निर्देश दे चुके हैं, जिसका पालन कराना जिला प्रशासन का काम है।

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