कंपनियां ‘हर घर तिरंगा’ अभियान पर खर्च कर सकती हैं सीएसआर निधिः सरकार

कंपनियां ‘हर घर तिरंगा’ अभियान पर खर्च कर सकती हैं सीएसआर निधिः सरकार

नई दिल्ली। सरकार ने कंपनियों को ‘हर घर तिरंगा’ अभियान से जुड़ी गतिविधियों के लिये अपनी कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) निधि का इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी है। सरकार की तरफ से जारी एक परिपत्र में कंपनियों को इस अभियान के लिए सीएसआर निधि का इस्तेमाल करने की छूट दी गई। आजादी के 75 …

नई दिल्ली। सरकार ने कंपनियों को ‘हर घर तिरंगा’ अभियान से जुड़ी गतिविधियों के लिये अपनी कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) निधि का इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी है। सरकार की तरफ से जारी एक परिपत्र में कंपनियों को इस अभियान के लिए सीएसआर निधि का इस्तेमाल करने की छूट दी गई। आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर सरकार ने ‘हर घर तिरंगा’ अभियान चलाने की घोषणा की हुई है जिसमें लोगों को अपने घरों पर तिरंगा फहराने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। यह अभियान ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के एक हिस्से के तौर पर आयोजित किया जा रहा है।

इस अभियान के तहत कंपनियों को भी भागीदारी करने के लिए कंपनी अधिनियम, 2013 के सीएसआर प्रावधान में छूट देने की घोषणा की गई है। इस अधिनियम के तहत लाभ में चल रही कंपनियों को अपने तीन साल के औसत शुद्ध लाभ का कम-से-कम दो प्रतिशत सीएसआर गतिविधियों पर खर्च करना होता है। कंपनी मामलों के मंत्रालय ने मंगलवार को जारी इस परिपत्र में कहा कि ‘हर घर तिरंगा’ अभियान का उद्देश्य लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना जगाना और भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।

ऐसे में कंपनियां भी अपने सीएसआर फंड का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर राष्ट्रीय ध्वज बनाने और उसकी आपूर्ति करने, पहुंच और विस्तार से जुड़ी गतिविधियों पर कर सकती हैं। परिपत्र के मुताबिक, हर घर तिरंगा अभियान के लिए ये गतिविधियां कंपनी अधिनियम की अनुसूची सात के प्रावधानों के तहत सीएसआर निधि के दायरे में आएंगी। इन कार्यों को कंपनी सीएसआर नीति नियम, 2014 का हिस्सा माना जाएगा।

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