रामपुर: ‘बुद्धं शरणं गच्छामि…’ से गूंज उठा शहर, बुद्ध जयंती पर सबीलें लगाकर बांटा शरबत

रामपुर: ‘बुद्धं शरणं गच्छामि…’ से गूंज उठा शहर, बुद्ध जयंती पर सबीलें लगाकर बांटा शरबत

रामपुर, अमृत विचार। जिले भर में बुद्ध जयंती पर बुद्ध शरणं गच्छामि… की गूंज रही और गौतम बुद्ध की शिक्षाओं से लोगों को रुबरू कराया गया। इस अवसर पर लोगों ने जगह-जगह सबीलें लगाकर लोगों का गला तर कराया। बुद्ध विहार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अपर पुलिस अधीक्षक डा. संसार सिंह ने कहा …

रामपुर, अमृत विचार। जिले भर में बुद्ध जयंती पर बुद्ध शरणं गच्छामि… की गूंज रही और गौतम बुद्ध की शिक्षाओं से लोगों को रुबरू कराया गया। इस अवसर पर लोगों ने जगह-जगह सबीलें लगाकर लोगों का गला तर कराया। बुद्ध विहार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अपर पुलिस अधीक्षक डा. संसार सिंह ने कहा कि तथागत बुद्ध का धर्म आडंबर से परे, विशुद्ध वैज्ञानिक ,प्रज्ञा ,शील ,समाधि पर आधारित है। जिसमें मानव ही नहीं बल्कि प्राणी मात्र के प्रति मैत्री का संदेश है। आज विश्व में बुद्ध का धम्म भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता का परचम लहरा रहा है। हमें गर्व है कि हम बुद्ध की भूमि पर पैदा हुए हैं।

पनवड़िया स्थित तथागत बुद्ध विहार में भारतीय बौद्ध महासभा के तत्वावधान में बुद्ध जयंती समारोह में मुख्य अतिथि अपर पुलिस अधीक्षक ने भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित कर बुद्ध वंदना से कार्यक्रम का आगाज किया। मुख्य अतिथि ने कहा कि बुद्ध वचन सार्वजनीन, सर्वकालिक ,सार्वभौमिक हैं और बुद्ध का आर्य अष्टांगिक मार्ग मानव कल्याण के मध्यम मार्ग का प्रदाता है। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में डा. धर्मेंद्र कुमार वर्मा ने भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता में बुद्ध के धम्म की प्रसंगिकता पर कहा कि आज विश्व में भारत की विशिष्ट पहचान बुद्ध के कारण ही है।

विदेशी लोग भारत की भूमि को नमन कर तथागत के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं। भारत के लोकतंत्र में बुद्ध के जीवन दर्शन का विशेष स्थान है। भारत के प्रतीक चिन्ह भारत की मुद्रा और भारत के राष्ट्रीय ध्वज में धम्मचक्र बौद्ध धर्म का प्रतीक है। भारतीय बौद्ध महासभा उत्तर प्रदेश के प्रदेश महामंत्री डॉ. एके गौतम ने तथागत गौतम बुद्ध के धर्म की महत्ता की बाबत कहा कि आज एकमात्र बुद्ध वाणी से ही मानवता की स्थापना संभव है। संसार में जो कुछ भी है वह अनित्य है, इसलिए सभी को मानवता की रक्षा के लिए आगे आना चाहिए।

इसीलिए बाबा साहब डा. भीमराव आंबेडकर ने बौद्ध धर्म को अंगीकार कर भारतीयता की रक्षा की। कहा कि भारत धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र होते हुए भी यहां के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति के आसन के ऊपर बुद्ध का धम्म चक्र प्रवर्तनाय, सूत्र बौद्ध धर्म का ही लिखा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता डा. सीएल चंचल ने जबकि, संचालन डॉ. भारत सिंह ने किया। इस अवसर पर रमेश चंद्रा, जिला क्रीड़ा अधिकारी नवीन कुमार ,जिला गन्ना अधिकारी हेमराज सिंह ,आरके प्रभाकर ,डा. लीलावती ,बनवारी लाल गौतम ,कपिल गौतम ,आरवी सिंह ,डॉ. केदार सिंह ,सत्यवीर सिंह ,पातीराम राज बाबू, भोजराज गौतम ,राजकुमार, अजय सागर ,सुरेंद्र कुमार ,डॉ. वीरेंद्र कुमार ,अमरपाल सागर, अशोक गौतम आदि मौजूद रहे।

ये भी पढ़ें:- बिजनौर: युवक को जंगल में बुलाकर गोली मारी, हालत गंभीर