हरदोई: निर्वाचन में लापरवाही बरतने पर बीएसए की बढ़ी मुश्किलें, नोटिस जारी

हरदोई। विधानसभा चुनाव 2022 में हरदोई के बेसिक शिक्षा अधिकारी वीपी सिंह द्वारा घोर लापरवाही बरतने, असीमित कार्मिकों को ड्यूटी मुक्त करने व प्रशासन को भ्रामक सूचनाएं देने के मामले में मध्यावधि विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि दी गयी है। जिसके बाद बीएसए की मुश्किलें बढ़ गयी हैं। बीएसए द्वारा घोर लापरवाही बरतते हुए ड्यूटीरत कर्मचारियों को …
हरदोई। विधानसभा चुनाव 2022 में हरदोई के बेसिक शिक्षा अधिकारी वीपी सिंह द्वारा घोर लापरवाही बरतने, असीमित कार्मिकों को ड्यूटी मुक्त करने व प्रशासन को भ्रामक सूचनाएं देने के मामले में मध्यावधि विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि दी गयी है। जिसके बाद बीएसए की मुश्किलें बढ़ गयी हैं। बीएसए द्वारा घोर लापरवाही बरतते हुए ड्यूटीरत कर्मचारियों को अनुपस्थिति दर्शाए जाने की हकीकत सामने आई थी।
बीएसए को जारी मध्यावधि प्रतिकूल प्रविष्टि में लिखा गया है कि असीमित संख्या में शिक्षकों की निर्वाचन ड्यूटी कट जाने के कारण कार्मिकों की संख्या में कमी आ गयी। जिस कारण प्रतिस्थानी तलाशने में विलंब हुआ और पोलिंग पार्टियां विलंब से रवाना हो सकीं। हालांकि सूत्रों का ये भी कहना है कि बीएसए की सह पर विभागीय बाबू ने प्रति कार्मिक 5 हजार रूपये लेकर भारी तादात में ड्यूटी काट दी। जिस कारण चुनाव में कार्मिकों की संख्या कम पड़ गयी और निर्वाचन कार्य में बाधा पहुंची है।
मतदान के एक दिन पूर्व 22 फरवरी को पार्टी मूवमेंट स्थल सीएसएन कॉलेज में बीएसए द्वारा बरती गई लापरवाही के कारण जिला निर्वाचन अधिकारी/जिला अधिकारी अविनाश कुमार ने विगत 25 फरवरी को नोटिस भेजकर बीएसए से जवाब भी मांगा था। जिसमें बीएसए द्वारा जवाब दिया गया कि पोलिंग पार्टी रवाना स्थल पर पर्याप्त जगह न होने व बैरिकेडिंग न होने की वजह से असुविधा हुई, जबकि अनावश्यक रूप से किसी भी कार्मिक की ड्यूटी नही काटी गई।
बीएसए द्वारा संतोषजनक जवाब न होने पर सीडीओ आकांक्षा राणा ने अवगत कराया है कि उसी स्थान से अन्य विधानसभा क्षेत्र के लिए भी पोलिंग पार्टियां रवाना हुईं जबकि बीएसए के जिम्मे वाली सवायजपुर की पोलिंग पार्टियां शाम 04 बजे तक रवाना नही हो सकीं। ये देख सीडीओ ने स्वंय मौके पर पहुंचकर स्थिति संभाली। रिजर्व में कोई कार्मिक न होने की वजह से अन्य श्रेणी के कार्मिकों को मतदान अधिकारी प्रथम बनाकर भेजा गया।
बीएसए ने बिना परीक्षण किए 63 ऐसे अनुपस्थिति कर्मियों की सूची भेज दी जिन्होंने मतदान में ड्यूटी की हुई थी। जबकि ऐसे कार्मिक जो वास्तव में अनुपस्थिति थे, जिन्हें ड्यूटी मुक्त नही किया गया था, उनकी सूची उपलब्ध नही कराई गई। इस तरहं जानबूझकर तथ्यों को छुपाते हुए त्रुटिपूर्ण सूचना प्रस्तुत की गई। इस प्रकार बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा उन्हें वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए मध्यावधि प्रतिकूल प्रविष्ट निर्गत की गई।
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