रायबरेली: यूक्रेन में फंसे छात्रों की व्यथा, शाम होते ही छा जाता है खौफ का साया, बंकर में गुजरती है रात

रायबरेली। शाम होते ही हर काली रात एक अलग अनजाने खौफ को लेकर आती है। खौफ के साए में पूरी रात बंकर में गुजर रही है। यह हालात है यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के। ऊंचाहार से यूक्रेन में पढ़ने गए एक मेडिकल छात्र ने फोन पर जो दास्तां बयां की है, वो बहुत ही …
रायबरेली। शाम होते ही हर काली रात एक अलग अनजाने खौफ को लेकर आती है। खौफ के साए में पूरी रात बंकर में गुजर रही है। यह हालात है यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के। ऊंचाहार से यूक्रेन में पढ़ने गए एक मेडिकल छात्र ने फोन पर जो दास्तां बयां की है, वो बहुत ही दर्दनाक है। ऊंचाहार के कोटरा मजरे कोटरा बहादुर गंज गांव निवासी सत्यनारायण मौर्य का बेटा अखिलेश यूक्रेन में तीन साल से मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है। वह इस समय यूक्रेन के सूमी स्टेट में है। यह स्थान रूस की सीमा से जुड़ा हुआ है।
वहां से अखिलेश ने दूरभाष पर बताया कि दो दिन से यहां कोई हमला नही हुआ है। युक्रेन की सेना समर्पण कर चुकी है । किंतु रात में खतरा बढ़ जाता है । और सभी छात्रों को शाम होते ही बंकर में भेज दिया जाता है। जहां रात का हर पल अनजाने खौफ में गुजारनी पड़ रही है। सुबह होने पर फिर सभी छात्र अपने अपने हास्टल में आ जाते है। किंतु रात का एक एक पल काटना बहुत मुश्किल होता है। रात में बमबारी की संभावना बनी रहती है। सारी सैन्य कार्रवाई रात में ही होती है ।
हास्टल में है 480 छात्र
अखिलेश ने बताया कि उसके साथ भारत के कुल 480 छात्र है। जिसमें से कुछ छात्र पहले ही भारत आने के लिए निकल चुके थे। किंतु हमला होते ही उनको वापस लौटना पड़ा । भारतीय दूतावास की मदद से सभी छात्रों को सुरक्षित हास्टल ने पहुंचा दिया गया है। किंतु हालात बहुत नाजुक है। यहां हर कोई खौफ के साए में जी रहा है।
बीस दिन का है राशन
अखिलेश ने बताया कि सूमी की सभी मार्केट बंद है । किंतु छात्रों के पास पर्याप्त राशन है। उन लोगों के पास करीब बीस दिन का राशन है। यदि हालात ऐसे ही बने रहे और मसले का हल नहीं निकला तो खाने पीने की भी समस्या खड़ी हो जायेगी।
हवाई अड्डों में फंसे लोगों को भेजने की व्यवस्था
युक्रेन में बड़ी संख्या में लोग हवाई अड्डों में फंसे हुए है। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर बड़ी संख्या में लोग फंसे हुए है । सरकार सबसे पहले हवाई अड्डों में फंसे लोगों को निकाल ने का प्रबंध कर रही है। अखिलेश मौर्य ने बताया कि उसके साथ हास्टल में रह रहे छात्र एक ठेकेदार के माध्यम से वहां गए थे। ठेकेदार ही भारतीय दूतावास के संपर्क में है। उसने छात्रों को बताया है कि एक दो दिन में हास्टल से छात्रों को वापस घर भेजने की व्यवस्था हो जायेगी।
पोलैंड और रोमानिया के रास्ते हो रही वापसी
सूमी स्टेट के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों को बंद कर दिया गया है। मेडिकल छात्र अखिलेश मौर्य ने बताया कि उनको बताया गया है कि यदि आने वाले दिनों में निकलने की व्यवस्था बनती है तो सभी को बस के द्वारा पोलैंड व रोमानिया ले जाया जाएगा। जहां से वायु मार्ग से स्वदेश भेजने की व्यवस्था की जाएगी। बताया जाता है कि पोलैंड की सुमी से दूरी करीब 13 सौ किमी की है।
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