पीलीभीत: स्वच्छ भारत मिशन में पात्रों को लाभान्वित कराने के लिए एक बार फिर प्रशासन सख्त

पीलीभीत: स्वच्छ भारत मिशन में पात्रों को लाभान्वित कराने के लिए एक बार फिर प्रशासन सख्त

पीलीभीत, अमृत विचार। व्यक्तिगत शौचालय में पात्र को अनदेखा करके अपात्र को लाभान्वित कराने की शिकायत मिलने के बाद डीएम पुलकित खरे एक्शन मोड में आ गए हैं। जिले के समस्त सात ब्लॉकों में शौचालय निर्माण को लेकर किए गए पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान के खेल की जांच कराई जाएगी। बिंदुवार इसका सत्यापन कराया …

पीलीभीत, अमृत विचार। व्यक्तिगत शौचालय में पात्र को अनदेखा करके अपात्र को लाभान्वित कराने की शिकायत मिलने के बाद डीएम पुलकित खरे एक्शन मोड में आ गए हैं। जिले के समस्त सात ब्लॉकों में शौचालय निर्माण को लेकर किए गए पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान के खेल की जांच कराई जाएगी। बिंदुवार इसका सत्यापन कराया जाएगा। इसके लिए 22 नोडल अधिकारी बनाए गए हैं। सभी को गंभीरता से जांच करने को निर्देशित किया है। बृहस्पतिवार को डीएम का आदेश मिलने के बाद अधिकारी जांच की रूपरेखा बनाने में जुट गए हैं।वहीं, विकास और पंचायत विभाग में खलबली मच गई है।

स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार की ओर से व्यक्तिगत शौचालय प्राथमिकता के आधार पर बनाए जा रहे हैं। हर घर को शौचालय की सुविधा मुहैया कराने का उद्देश्य है। इसे लेकर काफी काम हो चुका है। मगर, निचले स्तर पर खेल भी कम नहीं है। प्रधान और पंचायत सचिव की शौचालय से जुड़ी शिकायतें आए दिन अधिकारियों के पास पहुंचती हैं। सुविधा शुल्क न देने पर पात्र को अपात्र बनाना प्रधान-सचिव के लिए कोई बड़ी बात नहीं। अब एक बार फिर इस खेल पर प्रशासन की नजर है। डीएम ने पूरे जिले में व्यक्तिगत शौचालयों का सत्यापन कराने का आदेश कर दिया है। इसमें विभिन्न विभागों के 22 अधिकारी जांच के लिए लगाए गए हैं।

दफ्तर में बैठकर नहीं, मौके पर जाकर करनी होगी पड़ताल
व्यक्तिगत शौचालय के सत्यापन के पीछे मंशा है कि पात्र व्यक्ति को योजना का लाभ मिल सके। ऐसे में जांच के आदेश करते हुए नोडल अधिकारियों को गंभीरता बरतने को कहा गया है। किसी तरह की लापरवाही पकड़ी गई तो जांच अधिकारी का भी फंसना तय है। ऐसे में जांच दफ्तरों में बैठकर नहीं, गांव में जाकर करनी होगी। डीएम के सख्त रुख को लेकर अफसर इसकी भी आपस में चर्चा करते नजर आए।

पहले भी पकड़ी जा चुकी है गड़बड़ी
शौचालय निर्माण की योजना में अपात्र को फायदा पहुंचाने में जिम्मेदार पहले भी फंस चुके हैं।पिछली बार भी जां कराई गई थी तो कई सचिव फंस गए थे। उन पर निलंबन और रिकवरी की कार्रवाई भी की गई थी। मगर, स्टाफ की कमी के नाम पर जिला स्तरीय कुछ अधिकारियों ने सांठगांठ कर उनकी चंद दिन में ही बहाली करा ली थी। मगर, डीएम पुलकित खरे की सख्ती को देखते हुए अब सत्यापन के आदेश के बाद हड़कंप मचा है।

व्यक्तिगत शौचालयों का सत्यापन कराने के आदेश दिए गए हैँ। इसमें अधिकारियों को जिम्मेदारी देते हुए निर्देशित कर दिया है।सत्यापन की रिपोर्ट मिलने पर आगे निर्णय लिया जाएगा।अगर कोई गड़बड़ी मिलती है, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। – पुलकित खरे, डीएम