पीलीभीत: कूटरचित अभिलेखों से पासपोर्ट बनवाने के आरोपी की जमानत याचिका खारिज

पीलीभीत, अमृत विचार। कूटरचित अभिलेखों की मदद से पासपोर्ट बनवाने के मामले में एक आरोपी की जमानत याचिका सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार सिन्हा ने निरस्त कर दी है। बता दें कि इस मामले में करीब आठ साल पहले मुकदमा दर्ज किया गया था।
अभियोजन कथानक के अनुसार पूरनपुर कोतवाली में जयवीर सिंह की ओर से दी गई तहरीर 16 सितंबर 2017 को एक रिपोर्ट दर्ज की गई। जिसमें बताया गया कि एक बीट सूचना की जांच में पाया गया कि पूरनपुर में कुछ लोग गलत नाम पता देकर कई-कई पासपोर्ट बनवा रहे हैं और गलत कामों में संलिप्त हो सकते हैं। गलत बने पासपोर्ट का दुरुपयोग किया जा सकता है। इसकी गहराई से छानबीन करने पर पता चला कि सुरजीत सिंह पुत्र जसपाल सिंह ने अपना पता पूरनपुर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम शेरपुर मकरंदपुर दर्शाकर एएम एकेडमी पूर्व माध्यमिक विद्यालय माधोटांडा से फर्जी 2008 का अंक पत्र आठवीं पास का दर्शाकर गलत जन्मतिथि का प्रमाण पत्र बनवाया। इसके अलावा एसडीएम पूरनपुर के कार्यालय से फर्जी निवास प्रमाण पत्र बनवाकर पासपोर्ट फाइल पर 19 जुलाई 2016 को आवेदन किया। जांच के आधार पर पासपोर्ट कार्यालय से पासपोर्ट प्राप्त कर लिया।
इसी प्रकार परमजीत सिंह पुत्र कुन्नन सिंह ने भी फर्जी तरीके से आईडी तैयार कराकर पासपोर्ट आठ अगस्त 2017 को आवेदन किया और पासपोर्ट प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। कस्बे में कई लोग इस फर्जी पासपोर्ट बनवाने के प्रयास में संलिप्त हैं और पासपोर्ट आवेदन में गलत आधार पर बिना किसी सहमति के रिफरेन्स नाम अंकित कर गलत लोगों के पासपोर्ट बनवाने का धंधा कर रहे हैं। सुरजीत सिंह और परमजीत सिंह द्वारा जानबूझकर गलत तरीके से फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर स्थानीय लोगों के सहयोग से तथ्यों को छुपाकर पासपोर्ट बनवाने का कार्य किया गया है। विवेचना के बाद पुलिस ने एक अक्टूबर 2019 को आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया गया। इसी मामले में अभियुक्त तारन (पंजाब) के थाना सराय अमानत खां क्षेत्र के ग्राम टॉडकेशर निवासी गुरजीत सिंह उर्फ लड़्डा पुत्र इंदरजीत सिंह की जमानत याचिका सत्र न्यायालय में दी गई। जिसमें अभियुक्त को झूठा फंसाने की बात कहते हुए निर्दोष बताया गया। सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार सिन्हा ने मामला गंभीर प्रकृति का होने पर जमानत याचिका निरस्त कर दी है।
एक अन्य वाद में भटिंडा जेल में बंद है गुरजीत
बताते हैं कि अभियुक्त गुरजीत सिंह एक अन्य वाद में सेंट्रल जेल भटिंडा में बंद है। जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद उसके अधिवक्ता ने इसी का हवाला देते हुए तर्क दिया था कि एक अन्य वाद में जेल में बंद होने के चलते वह आत्मसमर्पण भी नहीं कर सकता। आरोपी गुरजीत की चार्जशीट न्यायालय सीजेएम में प्रस्तुत की जा चुकी है। मगर उसकी अभी तक उक्त वाद में कस्टडी नहीं ली गई है। आरोपी का प्रोडक्शन वारंट जिला कारागार भटिंडा में पहुंच चुका है। इसलिए उसकी वहां से रिहाई नहीं हो पा रही है।