पहाड़ की पीढ़ा
उत्तराखंड  हल्द्वानी 

हल्द्वानी: पहाड़ की पीढ़ा ही नहीं लोक संस्कृति का सृजन भी कर रहा ”कुमाऊं वाणी”

हल्द्वानी: पहाड़ की पीढ़ा ही नहीं लोक संस्कृति का सृजन भी कर रहा ”कुमाऊं वाणी” हल्द्वानी, अमृत विचार। पहाड़ की पीढ़ा ही नहीं बल्कि हर उस मुद्दे को जो आम जन मानस से जुडे़ हैं को कुमाऊं वाणी बेबाकी के खुले मंच में रखते आ रहा है। 11 मार्च 2010 को तत्कालीन राज्यपाल माग्रेट अल्वा ने इसी सोच के साथ सामुदायिक रेडियो का उद्घाटन किया था और आज कुमाऊं वाणी …
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