स्मृति शेष: रामपुर के नवाब परिवार को भी बहुत पसंद करते थे मुलायम सिंह यादव

स्मृति शेष: रामपुर के नवाब परिवार को भी बहुत पसंद करते थे मुलायम सिंह यादव

रामपुर। मुलायम सिंह यादव की सियासत का एक पहलू यह भी था कि वो रामपुर में नवाब खानदान के काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां को पसंद करते थे। आजम खां के विरोध को दरकिनार करके मुलायम सिंह ने 2003 से 2007 के अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में नवेद मियां को उत्तर प्रदेश पर्यटन विकास निगम का …

रामपुर। मुलायम सिंह यादव की सियासत का एक पहलू यह भी था कि वो रामपुर में नवाब खानदान के काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां को पसंद करते थे। आजम खां के विरोध को दरकिनार करके मुलायम सिंह ने 2003 से 2007 के अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में नवेद मियां को उत्तर प्रदेश पर्यटन विकास निगम का चेयरमैन बनाकर मंत्री का दर्जा दिया था। नवेद मियां को विधान सभा का टिकट भी दिया। तब नवेद मियां ने स्वार टांडा सीट पहली बार सपा की झोली में डाली, लेकिन आजम से प्रतिद्वंदिता के चलते उन्होंने सपा छोड़ दी और बसपा के टिकट पर उपचुनाव लड़कर फिर जीत हासिल कर ली थी।

पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां के पीआरओ काशिफ खां ने बताया कि मुलायम सिंह अच्छे राजनेता के साथ अच्छे इंसान भी थे। मुलायम सिंह के कहने पर ही अखिलेश यादव नवेद मियां के राजभवन कॉलोनी स्थित आवास पर आए थे और उनसे सपा में शामिल होने का अनुरोध किया था। तब नवेद मियां मुलायम सिंह से मिले थे और सपा में शामिल हो गए थे। मुलायम सिंह ने नवेद मियां को पर्यटन निगम का जिम्मा सौंपकर राज्यमंत्री का दर्जा देते समय आजम खां के विरोध की परवाह नहीं की थी। बतौर मुख्यमंत्री मुलायम सिंह नवेद मियां के सभी कार्य करते थे। 2005 में नवेद मियां ने आगरा महोत्सव आयोजित कराया था, जिसका उद्घाटन उनके द्वारा मुलायम सिंह यादव से कराया गया था। इस कार्यक्रम में नवेद मियां के आमंत्रण पर मुलायम सिंह के अलावा अमर सिंह और जयाप्रदा ने शिरकत की थी।

उन्होंने बताया कि 2007 में आजम ने नवेद मियां का टिकट कटवाने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी, लेकिन मुलायम सिंह ने पार्टी सिंबल दिया। मुलायम सिंह ने टांडा आकर जनसभा की थी और नवेद मियां के लिए वोट मांगे थे। इस चुनाव में आजम ने नवेद मियां को हराने का प्रयास किया था, मगर सफल नहीं हुए थे। नवेद मियां चुनाव जीते थे। इस चुनाव के बाद सपा की सरकार नहीं बनी और बसपा सत्ता में आ गई थी। आजम को विपक्ष का नेता बना दिया गया था। पार्टी के इस फैसले के विरोध में नवेद मियां ने सपा छोड़ दी थी और बसपा के टिकट पर उपचुनाव लड़कर 15वीं विधान सभा के लिए फिर जीत हासिल की थी। इसके बाद आजम से प्रतिद्वंदिता के कारण नवेद मियां के कभी सपा की तरफ मुड़कर नहीं देखा।

नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने कहा कि नेता जी मुलायम सिंह यादव का निधन दुखद है। आज राजनीति के एक युग का अंत हो गया है। वो मुझसे बहुत लगाव रखते थे। एक बार अचानक उनका फोन आया, उन्होंने जल्दी जल्दी मुझसे कुछ कहा, लेकिन मैं समझ नहीं पाया। मैने फोन कर उनसे कहा कि आप दोबारा बता दें कि आपने क्या कहा तो वो हंसने लगे और बहुत प्यार से धीरे धीरे पूरी बात बताई। वो तब मुख्यमंत्री थे और मैं उनकी पार्टी में था। उन्होंने मेरे द्वारा आयोजित आगरा महोत्सव का भी उद्घाटन किया था। वो आजम की तानाशाही और ब्लैकमेलिंग से दुखी थे और मैंने भी उसकी वजह से ही सपा छोड़ दी थी।

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