श्री जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव की तैयारियां पूरी, रथ पर आज्ञा माल्यार्पण की रीति-नीति संपन्न

श्री जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव की तैयारियां पूरी, रथ पर आज्ञा माल्यार्पण की रीति-नीति संपन्न

महेश शर्मा पुरी, अमृत विचार। एक जुलाई से शुरू होने वाली रथयात्रा में अब मात्र एक दिन शेष रह गया है। भाई बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा के साथ ही महाप्रभु जगन्नाथ के रथ पर आज्ञा माल्यार्पण की रीति-नीति संपन्न की गई। तीनों रथों को सिंहद्वार पर लाया गया। बुधवार से शुरू हुए नवयौवन वेश …

महेश शर्मा
पुरी, अमृत विचार। एक जुलाई से शुरू होने वाली रथयात्रा में अब मात्र एक दिन शेष रह गया है। भाई बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा के साथ ही महाप्रभु जगन्नाथ के रथ पर आज्ञा माल्यार्पण की रीति-नीति संपन्न की गई। तीनों रथों को सिंहद्वार पर लाया गया। बुधवार से शुरू हुए नवयौवन वेश दर्शन में लगभग 80 भक्तों ने दर्शन किए।

कोरोना के कारण भक्तों को अपने भगवान के दर्शन के लिए दो साल तक प्रतीक्षा करनी पड़ी। 15 दिन के क्वारंटीन (बुखार से पीड़ित के दौरान एकांतवास) के बाद महाप्रभु नवयौवन वेश में भक्तों के सामने आए।

हालिया हिंसा के कारण कानून व्यवस्था चाक चौबंद की गई है। मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने स्पेशल सर्किट हाउस में सुरक्षा, ट्रैफिक, जनसुविधाओं को लेकर अलग-अलग बैठकें की है। चिकित्सा एवं स्वास्थ प्रशासन ने भी इमरजेंसी ट्रीटमेंट की व्यवस्था की।

एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बढ़ाने का एक कारण विवादित बयान की प्रतिक्रिया में हिंसा भी है। रथयात्रा मार्ग ग्रांड रोड पर पुलिस और फायरब्रिगेड ने मॉकड्रिल की। खुद मुख्यसचिव और डीजीपी व्यवस्था पर नजर रखे हैं। उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी महाप्रभु के दर्शन को पुरी पहुंचेंगे।

कोरोना के कारण भक्तों के पुरी आने पर रोक लगी थी। स्नान पूर्णिमा के दिन अतिरिक्त स्नान के कारण अस्वस्थ हुए महाप्रभु समेत तीनों विग्रहों का अणवसर गृह (जहां प्रभु की गुप्त सेवा होती है) में विधिवत इलाज किया जा रहा था। तब तक अणवसर गृह के बाहर एक स्थान पर पूजा हो रही थी।

महाप्रभु को सुंदर और स्वस्थ दिखने के लिए नवयौवन वेश का नयनाभिराम दृश्य लोगों ने देखा। पुरी श्रीक्षेत्र भी कहा जाता है, जय जगन्नाथ के उद्घोष से पुरी का वातावरण गुंजायमान हो रहा है। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के जनसंपर्क अधिकारी जितेंद्रनारायन महापात्रा के अनुसार करीब 80 हजार से भी अधिक भक्तों ने नवयौवन वेश के दर्शन किए।

श्रीजगन्नाथ मंदिर प्रशासन के अनुसार यात्रा के दौरान (दस दिन में) 12 से 15 लाख लोगों के आने की संभावना है। पुरी स्थित 500 से भी ज्यादा होटल, धर्मशालाएं आदि पहले से ही लोगों ने बुक करा ली। हजारों लोग ग्रांड रोड के फुटपाथ पर शरण लिए हैं।

भक्तों के बीच ऐसी मान्यता है कि अणवसर गृह में इलाज के बाद भगवान स्वस्थ हो जाते हैं और अपने भक्तों को नवयौवन वेश में दर्शन देते हैं। वहीं महाप्रभु की रथयात्रा के लिए तीनों रथों का निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुका है। दोपहर में महाप्रभु की नवयौवन वेश कार्यक्रम संपन्न होने के साथ ही श्रीजगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथ पर रंगबिरंगे वस्त्र लगाने का काम शुरू हो गया है।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य प्रशासन सक्रिय
स्वास्थ्य निदेशक विजय महापात्रा ने बताया कि पुरी में 69 प्राथमिक उपचार केंद्र खोले गए हैं। इसके अलावा वहां के अस्पतालों में 287 बेड बढ़ाए गए हैं। वर्तमान चिकित्सा व्यवस्था के बाद भी 58 एंबुलेंस और 145 डॉक्टर लगाए गए हैं।

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