प्रयागराज: SRN अस्पताल में MRI मशीन ने बदली हजारों की जिंदगी, 8 वर्ष में 20 हजार मरीजों को मिला लाभ
प्रयागराज, अमृत विचार। एमआरआई चिकित्सा विज्ञान की एक उन्नत तकनीक है, जो शरीर के आंतरिक अंगों और संरचनाओं का सटीक चित्रण करती है। यह तकनीक चुंबकीय क्षेत्र और रेडियो तरंगों का उपयोग करते हुए मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी, मांसपेशियों, जोड़ों और अन्य अंगों की बीमारियों का निदान करने में सहायक है। एमआरआई की खासियत यह है कि यह बिना किसी हानिकारक विकिरण के बीमारी का सटीक पता लगाती है, जिससे चिकित्सा क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव आया है।
2016 के अंत में स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय (एसआरएन) में स्थापित की गई एमआरआई मशीन अब तक लगभग 20 हजार मरीजों की जांच कर चुकी है। सीमित संसाधनों के बावजूद, यह मशीन अपनी क्षमता से अधिक सेवा देकर मरीजों को नई जिंदगी दे रही है। रेडियो-डायग्नोसिस विभाग की अध्यक्ष डॉ.अर्जुमंद ने बताया कि इस मशीन की मदद से सटीक निदान और उपचार में तेजी आई है। हमारा लक्ष्य मरीजों को बेहतर से बेहतरीन सेवा प्रदान करना है। न्यूरोफिजिशियन डॉ.कमलेश सोनकर ने बताया कि एमआरआई से मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी से जुड़ी जटिल बीमारियों का पता आसानी से लग पाता है। इससे बीमारी के उपचार में भी काफी सुधार हुआ है।
मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की प्रधानाचार्य डॉ. वत्सला मिश्रा ने एमआरआई मशीन की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि "यह मशीन हमारे अस्पताल की प्रमुख उपलब्धियों में से एक है। इसकी वजह से हजारों मरीजों को सटीक और समय पर इलाज मिल सका है। उन्होंने कहा कि मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए हम हमेशा प्रयासरत हैं। मरीजों की सुविधा को देखते हुए शासन से एक और मशीन के लिए बात की जा रही है।"
मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रभारी डॉ. संतोष सिंह ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदान करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि जनता को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं समय पर उपलब्ध कराई जा सकें। हमारा प्रयास है कि हर व्यक्ति को आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं और मानवीय संवेदनाएं एक साथ प्रदान की जाएं।"
हालांकि, एक ही मशीन होने के कारण मरीजों को कई बार लंबी प्रतीक्षा सूची का सामना करना पड़ता है, लेकिन यह उपकरण अपनी क्षमता से अधिक सेवा प्रदान करते हुए चिकित्सा क्षेत्र में एक महत् मेंवपूर्ण योगदान दे रहा है। एमआरआई जैसी उन्नत तकनीक ने चिकित्सा विज्ञान में नई ऊंचाइयों को छुआ है और मरीजों के जीवन को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाई है।
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