पीलीभीत: सांप्रदायिक पोस्ट करने वाले कुकरीखेड़ा के ग्रामीण पर एफआईआर

पीलीभीत: सांप्रदायिक पोस्ट करने वाले कुकरीखेड़ा के ग्रामीण पर एफआईआर

पीलीभीत,अमृत विचार। जहानाबाद के बेटनरी डॉक्टर की रुपये के लेनदेन में सहारनपुर में हुई हत्या को लेकर एक व्हाट्सएप ग्रुप पर की गई विवादित पोस्ट को कई दिन तक पुलिस मामले को दबा गई। पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठे तो जिला निर्वाचन अधिकारी ने प्रकरण का संज्ञान लिया। जिसके बाद अब कार्रवाई हो सकी …

पीलीभीत,अमृत विचार। जहानाबाद के बेटनरी डॉक्टर की रुपये के लेनदेन में सहारनपुर में हुई हत्या को लेकर एक व्हाट्सएप ग्रुप पर की गई विवादित पोस्ट को कई दिन तक पुलिस मामले को दबा गई। पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठे तो जिला निर्वाचन अधिकारी ने प्रकरण का संज्ञान लिया। जिसके बाद अब कार्रवाई हो सकी है।

हरकत में आई पुलिस ने दरोगा की ओर से सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने से जुड़ी पोस्ट करने वाले कुकरीखेड़ा के ग्रामीण पर धारा 153 ए, 505 (2) और आईटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की है।
जहानाबाद थाना क्षेत्र के गांव बेनीपुर निवासी बेटनरी असिस्टेंट सियाराम उर्फ सौरभ पुत्र बाबूराम की सहारनपुर के थाना बेहट इलाके में 31 जनवरी को हत्या कर दी गई थी। कमेटी व उधार के रुपये के लेनदेन में वारदात हुई थी। आरोपी दूसरे समुदाय से जुड़े थे।

विधानसभा चुनाव के बीच इस मामले में एक सोशल मीडिया ग्रुप पर तीन फरवरी को विवादित पोस्ट कर दी गई। यह पोस्ट सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने से जोड़कर देखी गई थी। उसी दिन मामला संज्ञान में आते ही पुलिस ने सहारनपुर के अधिकारियों से बातचीत कर घटना को लेकर हुई कार्रवाई तो स्पष्ट कर दी, लेकिन विवादित पोस्ट करने वाले को अभयदान दे दिया गया था।

पुलिस की इस कार्रवाई पर सवाल उठाए गए। पक्षपात के भी आरोप लगने लगे थे। प्रकरण का जिला निर्वाचन अधिकारी पुलकित खरे ने संज्ञान लिया और पुलिस को कार्रवाई करने के आदेश दे दिए। जिसके बाद जहानाबाद पुलिस हरकत में आई है। अब दरोगा दिगंबर सिंह की ओर से एफआईआर दर्ज की गई है। जिसमें कुकरीखेड़ा गांव के निवासी दिनेश कुमार को नामजद किया है।

सदस्यों पर भी आएगी जांच की आंच
पुलिस की ओर से विवादित पोस्ट करने वाले को नामजद करते हुए अब एफआईआर दर्ज करा दी गई है। इस व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन और अन्य सदस्यों को भी जांच के दायरे में लाया जाएगा।इसमें एक राजनीतिक दल के बड़े नेता भी जुड़े हुए हैं।उनके एडमिन होने की भी चर्चाएं आम है। ऐसे में अभी भले ही उनके नाम शामिल न हाे, लेकिन जांच की आंच उन तक भी पहुंच सकती है। इसे लेकर भी खलबली मची हुई है।

सोशल मीडिया पर निगरानी में फेल पुलिस
कोरोना संक्रमण को देखते हुए चुनाव प्रचार वर्चुअल ही अधिक है। ऐसे में सोशल मीडिया पर निगरानी के दावे तो पुलिस प्रशासन काफी कर रहा है। लेकिन प्रत्याशियों और उनके समर्थकों की ओर से जिस तरह से विवादित बयानबाजी से जुड़ी पोस्ट और वीडियो तेजी से वायरल किए जा रहे हैं। उनसे अफसर अभी भी जिला निर्वाचन अधिकारी ने लिया संज्ञान तो हरकत में आई पुलिस अंजान बने हुए हैं। ऐसे में निगरानी के दावों पर सवाल उठ गए हैं। वहीं, औपचारिकता निभाने की बात भी उजागर हो रही है। यह कहना गलत नहीं होगा कि पुलिस चुनाव के बीच सोशल मीडिया की निगरानी में फेल साबित हो रही है।

पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक विवादित पोस्ट वायरल हुई थी। मामला संज्ञान में आने पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। इस मामले में एफआईआर जहानाबाद थाने में दर्ज कराई गई है। नियमानुसार आगे कार्रवाई की जाएगी। — पुलकित खरे, जिला निर्वाचन अधिका

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