लखनऊ के इस मदरसे पर बच्चों को कट्टरपंथी तालीम देने का आरोप, बाल आयोग टीम ने की कार्रवाई-21 बच्चे कराये रेस्क्यू 

लखनऊ के इस मदरसे पर बच्चों को कट्टरपंथी तालीम देने का आरोप, बाल आयोग टीम ने की कार्रवाई-21 बच्चे कराये रेस्क्यू 

लखनऊ, अमृत विचार। राजधानी में बाल आयोग की टीम ने 21 बच्चों को दुबग्गा के कसमण्डी रोड के लालनखेड़ा गाँव स्थित दुबग्गा के अवैध मदरसे मदरसा जमी आतुल कासिम अल इस्लामिया से रेस्क्यू कराया है। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया था कि मदरसे में छोटे-छोटे बच्चों को रखकर कट्टरपंथी तालीम दी जा रही है। इतना ही नहीं मदरसे में बच्चे मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। 

बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे मदरसा जमी आतुल कासिम अल इस्लामिया में बाल आयोग की टीम बुधवार शाम पहुंची। टीम ने देखा कि दो कमरों में 24 बच्चे रह रहे हैं। इनमें से 21 को मुक्त करवाकर बाल आयोग भेजा गया। बचे तीन बच्चे मदरसा संचालक मौलाना इरफान के हैं, जो उन्हें सौंप दिए गए। 

बाल आयोग सदस्य सुचिता चतुर्वेदी ने बताया कि इरफान आजमगढ़ के दरियापुर गांव निवासी जीशान का मकान किराये पर लेकर मदरसा चला रहे थे। टीम की पूछताछ में बच्चे अपना पता नहीं बता सके। हालांकि, यह कहा कि वे बिहार के रहने वाले हैं। बच्चों ने यह भी बताया कि मौलाना जन्नत जाने की तालीम देते थे। कहते थे कि इससे मां और पिता की याद नहीं आती। मदरसे को मिलने वाली फंडिंग, आर्थिक संसाधन सहित अन्य की गहनता से जांच की जाएगी। टीम ने जब डायरी में हिंदी में लिखने के लिए कहा तो मदरसा संचालक और मौजूद शिक्षक ने बताया कि उन्हें सिर्फ उर्दू आती है। बाल आयोग की टीम को मदरसे का पंजीकरण नहीं मिला। यहां शौचालय, पीने के पानी, अग्निशमन उपकरण, प्राथमिक इलाज आदि का इंतजाम भी नहीं था।

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