बरेली: हर 100 किमी पर 10 मिनट कम हो रही रेल यात्रा की अवधि

बरेली, अमृत विचार। पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल में ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के लिए रेलवे ट्रैक को बेहतर किया जा रहा है। रेल ट्रैकों की क्षमता बढ़ने से ट्रेनों की रफ्तार में भी वृद्धि हुई है। जिसके बाद मंडल में ट्रेनें अधिकतम गति से दौड़ेंगी। रेल अधिकारियों के मुताबिक ट्रेनें अधिकतम गति 110 किमी …
बरेली, अमृत विचार। पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल में ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के लिए रेलवे ट्रैक को बेहतर किया जा रहा है। रेल ट्रैकों की क्षमता बढ़ने से ट्रेनों की रफ्तार में भी वृद्धि हुई है। जिसके बाद मंडल में ट्रेनें अधिकतम गति से दौड़ेंगी। रेल अधिकारियों के मुताबिक ट्रेनें अधिकतम गति 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही हैं। इससे न सिर्फ यात्रियों के समय में बचत हो रही है बल्कि हर 100 किलोमीटर की यात्रा ट्रेनें 10 मिनट पहले पूरी कर ले रही हैं। इस तरह 300 किलोमीटर की यात्रा में 30 मिनट का समय बच रहा है।
दरअसल रेलवे ट्रैक की क्षमता में वृद्धि करने के साथ रेलवे स्टेशनों के यार्ड में भी ट्रेनों की गति बढ़ाई जा रही। स्टेशन व यार्ड में भी ट्रेनों को 10 किमी प्रति घंटे की जगह 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाने की तैयारी है। पूर्वोत्तर रेलवे के सभी मंडलों में इसे लागू करने की कवायद की जा रही है। रेल अधिकारियों का कहना है कि इज्जतनगर मंडल के स्टेशनों पर इसे लागू किया जाएगा। कई स्टेशनों पर इसको लेकर काम तेजी से चल रहा है।
पीलीभीत-मझोला का रेलवे ट्रैक 25.54 किमी लंबा है यहां रफ्तार 100 से बढ़ाकर 110 किमी प्रतिघंटा हो गई है। लखीमपुर-मैलानी रेलवे ट्रैक 60.64 किमी लंबा है जहां रफ्तार 90 से बढ़ाकर 110 किसी प्रतिघंटा की गई है। भोजीपुरा-पीलीभीत रेलवे ट्रैक 30.03 किमी लंबा है, यहां रफ्तार 90 से बढ़कर 100 किमी प्रतिघंटा हो गई है। मझोला-पकड़िया रेलवे ट्रैक 36.58 किमी लंबा है, यहां रफ्तार 100 से बढ़ाकर 110 किमी प्रतिघंटा हो चुकी है। इसके अलावा कई ऐसे रेलखंडों को रेल प्रशासन ने चिन्हित किया है जहां रफ्तार बढ़ाने का काम किया जाना है।
रेलवे ट्रैकों का इस्तेमाल पूरी क्षमता से करने के प्रयास किए जा रहे हैं। जिन रेलखंडों पर अधिकतम निर्धारित गति से कम गति से ट्रेनें चल रही हैं, उनको चिन्हित कर रफ्तार बढ़ाने का प्रयास है। यार्डों में गति सीमा 10 से 30 किमी प्रति घंटे करने के लिए काम किया जा रहा है। जिससे न सिर्फ समयपालन में मदद मिलेगी बल्कि यात्रियों को भी सुविधा होगी—पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी , पूर्वोत्तर रेलवे।
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