बरेली: इस बार करवा चौथ पर चंद्रमा की विशेष कृपा, सुहागिनों को मिलेगा पूजा-पाठ का अनंत फल

बरेली: इस बार करवा चौथ पर चंद्रमा की विशेष कृपा, सुहागिनों को मिलेगा पूजा-पाठ का अनंत फल

बरेली,अमृत विचार। सुहागिन महिलाओं के लिए करवा चौथ का व्रत कुछ ज्यादा ही खास होता है। 13 अक्तूबर यानी आज  सुहागिनों का सबसे बड़ा व्रत करवा चौथ है। इस बार के करवा चौथ व्रत का विशेष महत्व है। करवा चौथ पर व्रती महिलाएं कब और कैसे पूजा करें। क्यों इस बार का करवा चौथ व्रती …

बरेली,अमृत विचार। सुहागिन महिलाओं के लिए करवा चौथ का व्रत कुछ ज्यादा ही खास होता है। 13 अक्तूबर यानी आज  सुहागिनों का सबसे बड़ा व्रत करवा चौथ है। इस बार के करवा चौथ व्रत का विशेष महत्व है। करवा चौथ पर व्रती महिलाएं कब और कैसे पूजा करें। क्यों इस बार का करवा चौथ व्रती महिलाओं के लिए विशेष लाभदाई है। इससे जुड़ी तमाम जानकारियां हम आपको यहां देंगें।

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सुहागिन महिलाओं पर चंद्रमा की विशेष कृपा
आज वृष राशि में चंद्रमा है जो कि उच्च का माना जाता है। जातकों पर चंद्रमा के विशेष कृपा बरसेगी। सुहागिन महिलाओं के लिए आज पूजा- पाठ, व्रत- उपवास से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होगी। क्योंकि आज कई मंगलकारी संयोगों का संगम रहेगा। इस बारे मे आचार्य रमाकांत दीक्षित ने बताया करवा चौथ विशेष 13 साल में यह पहला मौका है । जब करवा चौथ पर एक साथ तीन-तीन योग बन रहे हैं। दिन की शुरुआत सर्वार्थ सिद्धि योग से होगी। इस दिन शुक्र और बुध के एक ही राशि कन्या में होने की वजह से लक्ष्मी नारायण योग बन रहा है। वहीं, बुध और सूर्य भी एक ही राशि में रहकर बुधादित्य योग बना रहे हैं।

करवा चौथ की तैयारियां अंतिम दौर पर
आज करवा चौथ पर सुबह से तैयारियां चल रही हैं। ये भी है कि ये तैयारी अपने अंतिम दौर पर है। क्योंकि शाम को महिलाए मां करवा चौथ और चंद्रमा की पूजा करेंगी। हिंदू धर्म में करवा चौथ का विशेष महत्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। करवा चौथ पर निर्जला व्रत और चंद्रमा के दर्शन कर अर्ध्य देने का खास महत्व होता है। इस बार करवा चौथ बहुत ही शुभ में है।

करवा चौथ पर इन राशि की महिलाओं को मिलेगा विशेष फल
करवा चौथ का व्रत रखने और पूजा करने पर सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती होने का फल प्राप्त होता है। करवा चौथ पर भगवान शिव,माता पार्वती, भगवान गणेश और चंद्रदेव की विशेष आराधना की जाती है। करवा चौथ पर चंद्रदेव की विशेष कृपा रहती है क्योंकि इस दिन कुछ विशेष राशि की सुहागिन महिलाओं पर चंद्रदेव और भगवान गणेश दोनों की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस बार चंद्रमा अपनी राशि और रोहिणी नक्षत्र में रहेंगे, ऐसे में मेष,कर्क,सिंह और मीन राशि की महिलाओं को शुभ फल की प्राप्ति होगी।

आज चांद न दिखाई दे तो इस तरह पूरा करें करवा चौथ व्रत
वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतु्र्थी पर चंद्रोदय शाम 08 बजकर 09 मिनट पर होगा। करवा चौथ पर चांद के दर्शन और अर्घ्य देकर पूजा पूरी होती है। लेकिन देश के अलग-अलग हिस्सों में मौसम एक जैसा नहीं होने पर चांद निकलने में देरी हो सकती है। कुछ जगहों पर बादल और बरसात की वजह से चंद्रमा नहीं दिखाई दे सकता। ऐसे में करवा चौथ का व्रत रखने वाली सुहागिन महिलाएं पूर्व-उत्तर दिशा में पूजा करते हुए अर्घ्य देकर व्रत को पूरा कर सकती हैं। इसमें किसी तरह का दोष नहीं लगता और व्रत पूर्ण माना जाता है।

08 बजकर 09 मिनट देखा चांद
आज देशभर में करवा चौथ का चांद शाम को करीब 08 बजकर 09 मिनट के आसपास दिखाई देना शुुरू हो जाएगा। हालांकि देश के शहरों में चांद के निकलने का समय थोड़ा अलग-अलग समय पर होगा। आज शाम को सबसे पहले चांद पूर्वी भारत में गुवाहटी में करीब शाम 07 बजकर 15 मिनट पर दिखाई देगा फिर धीरे-धीरे देश के अन्य भागों में दिखाई देना शुरु हो जाएगा।

करवा चौथ अखंड सुहाग का वरदान प्राप्त करने के लिए सबसे खास त्योहार माना जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और अच्छी सेहत के लिए सुबह से निर्जला व्रत रखती है। रात को चांद की पूजा और जल अर्पित करते हुए व्रत के संकल्प को पूरा करती हैं। इस बार करवा चौथ पर बहुत ही अच्छा योग बना हुआ है। इस बार गुरुवार को करवा चौथ है और गुरु ग्रह स्वयं की राशि में मौदूज रहेंगे। ज्योतिष में गुरु ग्रह को वैवाहिक जीवन और शुभ फल देने वाला ग्रह माना जाता है। इसके अलावा चंद्रमा भी अपनी राशि और नक्षत्र में मौजूद रहेगा। ऐसे में करवा चौथ का व्रत रखते हुए चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजा करना शुभ फल देने वाला साबित होगा।

करवा चौथ सुहागिन महिलाओं के लिए अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद पाने का त्योहार माना जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं 16 श्रृंगार करके शाम को करवा माता की पूजा करते हुए चांद के निकलने का इंतजार करती हैं, फिर चांद के निकलने पर दर्शन करते हुए अर्ध्य देकर व्रत का पारण करती हैं। करवा चौथ पर चांद की पूजा और अर्ध्य देने का विशेष महत्व होता है। शास्त्रों में चंद्रमा को औषधियों का स्वामी माना गया है जबकि ज्योतिष में चांद को मन का कारक ग्रह माना गया है। चांद की किरणों में शीतला प्रदान करने का गुण होता है। पुराणों में चांद को प्रेम,सुंदरता और सौंदर्य का प्रतीक माना है। इस कारण से सुहागिन महिलाएं करवा चौथ पर चांद के दर्शन करते हुए पति की लंबी आयु और सुखी दांपत्य जीवन की कामना के लिए चंद्रदेव की पूजा-आराधना करती हैं।

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