अयोध्या: सीडीओ ने दिए निर्देश, ‘थाई मांगुर’ मछली का पालन किया तो होगी कार्रवाई

अयोध्या। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण द्वारा प्रतिबन्धित मत्स्य प्रजाति ‘थाई मांगुर’ का पालन करने वालों के विरूद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए सभी बीडीओ और एसडीएम को सीडीओ अनीता यादव की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं। जारी निर्देश के तहत कहा गया है कि अभी भी जनपद में कुछ व्यक्तियों द्वारा …
अयोध्या। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण द्वारा प्रतिबन्धित मत्स्य प्रजाति ‘थाई मांगुर’ का पालन करने वालों के विरूद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए सभी बीडीओ और एसडीएम को सीडीओ अनीता यादव की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं। जारी निर्देश के तहत कहा गया है कि अभी भी जनपद में कुछ व्यक्तियों द्वारा इसका पालन किया जा रहा है।
स्थानीय बाजारों में भी थाई मांगुर मछली विक्रय की सूचना निरन्तर प्राप्त हो रही है, जबकि थाई मांगुर मछली की प्रजाति का पालन देश के सभी राज्यों में पूर्णतय: प्रतिबन्धित है। उन्होंने बताया कि यह मछलियां मांसाहारी प्रवृत्ति की होने के कारण इनके पालने से स्थानीय मत्स्य सम्पदा को क्षति पहुंचाने के साथ-साथ जलीय पर्यावरण को असन्तुलन एवं जनस्वास्थ को खतरा होने की संभावना बनी रहती है।
उन्होंने समस्त उप जिलाधिकारी व खंड विकास अधिकारी को निर्देश दिया है कि थाई मांगुर मछली का पालन, मत्स्य बीज आयात / संचयन, मछली का परिवहन एवं इनको खिलाये जाने वाले स्लोटर हाउस के मॉस के अवशेष/अपशिष्ट की आपूर्ति को रोकने के लिये अपनी-अपनी तहसील क्षेत्र में मत्स्य विभाग के कर्मचारियों/लेखपालों के माध्यम से प्रतिबन्धित थाई मांगुर पाल रहे मत्स्य पालकों का चिन्हांकन कर उनको नोटिस निर्गत करे।
इसके साथ ही तत्काल प्रतिबन्धित प्रजाति की मछलियों के पालन, विक्रय, आयात, निर्यात अथवा स्टॉक की उपलब्ध होने पर/संज्ञान में आने पर नियमानुसार विनिष्टीकरण आदेश जारी करते हुए पुलिस बल के साथ टीम गठित कर प्रतिबन्धित मछलियों व मत्स्य बीज के विनिष्टीकरण की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
विनिष्टीकरण में व्यय हुई धनराशि सम्बन्धित मत्स्य पालक – हैचरी स्वामी विक्रेता से वसूल की जाए। इसकी सूचना एक सप्ताह के भीतर मुख्यालय को उपलब्ध कराई जाए।
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