बरेली: दरगाह आला हजरत से हुई अपील, अब बिना बैंड-बाजा होने लगी शादी
बरेली, अमृत विचार। दरगाह आला हजरत से अपील के बाद मुस्लिम घरानों में हो रही शादियों में बदलाव देखने को मिल रहा है। शहर में बुधवार को ऐसे ही दो शादियां हुई। जिसमें बिना दहेज और बैंड-बाजा की शादी हुई। शादी में ज्यादा बराती भी नहीं थे। दरगाह आला हजरत के सज्जादाशीन ने खुशी में …
बरेली, अमृत विचार। दरगाह आला हजरत से अपील के बाद मुस्लिम घरानों में हो रही शादियों में बदलाव देखने को मिल रहा है। शहर में बुधवार को ऐसे ही दो शादियां हुई। जिसमें बिना दहेज और बैंड-बाजा की शादी हुई। शादी में ज्यादा बराती भी नहीं थे।
दरगाह आला हजरत के सज्जादाशीन ने खुशी में दोनों शादियों में निकाह पढ़ाकर दूल्हा-दुल्हन को अपनी दुआओं से नवाजा। उन्होने अपील की शादी में फिजूलखर्च से बचें। सुन्नी बरेलवी मुसलमानों का मरकज कहे जाने वाली दरगाह आला हजरत से पिछले दिनों सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां ने शादियों को सादगी के साथ करने के लिए कहा गया था।
नासिर कुरैशी ने बताया कि बुधवार को मेरे भाई शारिब कुरैशी का निकाह आफरीन कुरैशी और बहन फरहा कुरैशी का निकाह आरिफ कुरैशी के साथ हुआ। फिजूलखर्च की रस्म को खत्म करने की पहल करते हुए सादगी के साथ शादी की रस्म निभाई गई। दोनों निकाह बिना दहेज के हुए। लड़का, लड़की पक्ष की तरफ से 20-20 लोगों को दावतनामा व्हाट्सएप के जरिए दिया गया था।