बरेली: मुंह की बीमारियों को गंभीरता से लें और डॉक्टर को दिखाएं

बरेली: मुंह की बीमारियों को गंभीरता से लें और डॉक्टर को दिखाएं

अमृत विचार, बरेली। बदलती हुई जीवनशैली, खान-पान और तंबाकू के सेवन के कारण मुंह का कैंसर भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में तेजी से अपने पांव पसार रहा हैं। मुंह का कैंसर सभी प्रकार के कैंसर में छठवें नंबर पर आता है। मुंह के कैंसर के लगभग एक तिहाई मरीज अकेले भारत में …

अमृत विचार, बरेली। बदलती हुई जीवनशैली, खान-पान और तंबाकू के सेवन के कारण मुंह का कैंसर भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में तेजी से अपने पांव पसार रहा हैं। मुंह का कैंसर सभी प्रकार के कैंसर में छठवें नंबर पर आता है। मुंह के कैंसर के लगभग एक तिहाई मरीज अकेले भारत में है।

पान, तंबाकू, गुटखा, खैनी, धूम्रपान, शराब, कुपोषण और वायरस जनित कुछ बीमारियां कैंसर के प्रमुख कारणों में शामिल हैं। वातावरण में पाए जाने वाले प्रदूषक पदार्थ जैसे सिलिका, एस्बेस्टस भी कैंसर का कारण बन सकते हैं। उत्तर भारत में पान और गुटखा चबाने की आदत कैंसर का प्रमुख कारण है।

चूंकि सार्वजनिक स्थानों पर बीड़ी और सिगरेट पीना प्रतिबंधित है, इसलिए पान और गुटखा इसके विकल्प बनकर उभरे हैं। बीड़ी एवं सिगरेट की तुलना में गुटखा सुरक्षित होने का मिथक भी इसके प्रचलन व उपयोग का कारण हैं। देश में लगभग 20 करोड़ वयस्क और 50 लाख अवयस्क एवं बच्चे गुटखे के आदी हैं। इनमें से ज्यादातर इस बात से अनजान हैं कि गुटखा खाने से कैंसर जैसी घातक बीमारी हो सकती है।

तंबाकू की आदत सिर्फ एक लत नहीं बल्कि एक बीमारी है जिससे निजात पाने के लिए विशेषज्ञों की सलाह लेना जरूरी है। इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज बरेली में तंबाकू नशा मुक्ति के विशेषज्ञ उपलब्ध हैं जो तंबाकू सेवन की लत को छुड़वाने में सहायता करते हैं। तंबाकू सेवन से होने वाली बीमारियों का पता जितनी देर से लगता है उनका इलाज उतना ही कठिन और महंगा हो जाता है। साथ ही मरीज के ठीक होने की संभावना भी कम होती जाती है।

मुंह के कैंसर के प्रारम्भिक लक्षणों के बारे में जानकारी के अभाव के कारण बीमारी गम्भीर रूप ले लेती है, इसलिए जितनी जल्दी मरीज जांच करवाता है उतनी ज्यादा बीमारी के ठीक होने की सम्भावना बढ़ जाती है और खर्च भी कम होता है। यदि इसके लक्षणों में से कोई भी लक्षण आपको अपने मुंह में दिखाई देता है तो उसे गम्भीरता से लें और दंत चिकित्सकों से अवश्य मिलें।

ये हैं लक्षण

1- मुंह में कहीं भी लाल/सफेद/काला दाग या धब्बा होना।
2- मुंह में छाले जो दो हफ्ते या ज्यादा समय से ठीक न हो रहा हो/रहे हों।
3- मुंह में कहीं भी मांस का बढ़ना।
4- अकारण/अचानक दांतों का हिलना।
5- खाना खाते समय मुंह में जलन होना।
6- गले में गांठ होना।
7- अचानक आवाज का बदलना।

इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज के ओरल मेडिसिन एवं रेडियोलॉजी विभाग के डाक्टर कैंसर के शुरुआती लक्षणों की जांच के विशेषज्ञ हैं, उनका कहना है कि कैंसर के शुरुआती लक्षणों को दवा द्वारा ठीक किया जा सकता है। कैंसर का पता लगाने के लिए मांस के टुकड़े का सैंपल (बायोप्सी) लिया जाता है जोकि एक प्रमुख जांच है। इसके बारे में एक भ्रांति हैं कि बायोप्सी कराने से कैंसर फैलता है जोकि एकदम गलत है। -डा. आशीष अग्रवाल, ओरल मेडिसिन विभागाध्यक्ष इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज, बरेली

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