Kanpur: कुपोषण से बचाने के लिए 4.68 लाख बच्चों को पिलाई जाएगी विटामिन-ए, सीएमओ ने शहर में शुरू किया 'विटामिन-ए संपूरण कार्यक्रम'

नौ माह से पांच वर्ष तक के बच्चों के लिए नौ बार अनिवार्य है विटामिन ए

Kanpur: कुपोषण से बचाने के लिए 4.68 लाख बच्चों को पिलाई जाएगी विटामिन-ए, सीएमओ ने शहर में शुरू किया 'विटामिन-ए संपूरण कार्यक्रम'

कानपुर, अमृत विचार। बच्चों की नजर कमजोर होना, रात में कम दिखाई देना, अंधेपन का शिकार हो जाना, रूखी आंख, रूखी त्वचा और त्वचा से संबंधित समस्याओं से बचाव के लिए बच्चों को विटामिन-ए की खुराक अति महत्वपूर्ण होती है। इसके अलावा दस्त जैसी आम बीमारी को गंभीर होने, निमोनिया, डायरिया व रतौंधी जैसे रोगों से भी बचाव होता है। मीजल्स होने की स्थिति में मृत्यु दर व जटिलता कम करता है। यह सूक्ष्म पोषक तत्व कुपोषण से भी बच्चों को बचाता है। यह जानकारी कांशीराम अस्पताल में सीएमओ डॉ.आलोक रंजन ने दी। 

रामादेवी स्थित कांशीराम अस्पताल से सीएमओ ने बुधवार को  विटामिन ए संपूरण कार्यक्रम की शुरुआत की। विभाग ने नौ माह से लेकर पांच वर्ष तक के 4.68 लाख बच्चों को चिन्हित किया है, जिनको विभाग द्वारा विटामिन-ए की खुराक पिलाई जानी है। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. यूबी सिंह ने बताया कि विटामिन ए एक वसा में घुलनशील विटामिन है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करता है, जिससे बच्चे स्वस्थ व सुपोषित रहते हैं। 

कार्यक्रम के दौरान नियमित टीकाकरण (जन्म से 24 माह तक), संपूर्ण टीकाकरण (पांच वर्ष तक), वजन लेना और अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित करना व सभी बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाई जाएगी। वही, एक घंटे के अंदर और छह माह तक सिर्फ स्तनपान व आयोडीन युक्त नमक के सेवन के प्रति जागरूक करने पर जोर दिया जाएगा। 

कार्यक्रम के दौरान प्रत्येक बुधवार और शनिवार को आयोजित होने वाले वीएचएसएनडी व यूएचएसएनडी सत्रों पर नौ माह से पांच वर्ष तक के सभी बच्चों को अलग-अलग चम्मचों से विटामिन ए की खुराक पिलाई जाएगी। इस दौरान शहरी नोडल डॉ. राजेश्वर सिंह, डब्ल्यूएचओ से एसएमओ डॉ. हेमंत अधिकारी, यूनिसेफ से डीएमसी फुजैल सिद्दीकी, यूएनडीपी से वीसीसीएम समेत आदि स्वास्थ्य कर्मी रहे। 

ऐसे दी जानी है विटामिन-ए

उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. पीबी सिंह ने बताया कि बच्चों को विटामिन ए की नौ खुराक देने का प्रावधान है, जिसमें नौ से 12 माह तक के बच्चों को एमआर के प्रथम टीके के साथ आधा चम्मच यानि एक एमएल, 16 से 24 माह तक के बच्चे को एमआर के दूसरे टीके के साथ एक चम्मच यानि दो एमएल, दो से पांच वर्ष तक के बच्चे को छह-छह माह के अंतराल पर एक चम्मच यानि दो एमएल विटामिन-ए का सिरप दिया जाना है।

यह भी पढ़ें- Kanpur: शहर के 163 स्कूलों में हुआ परख सर्वेक्षण, सर्वे में शामिल किए गए कक्षा तीन, छह व नौ के बच्चे, इन चीजों के बारे में जानकारी एकत्र की गई