शाहजहांपुर: पाकिस्तान की साजिश है बांग्लादेश में उभरता कट्टरपंथ-चिन्मयानंद
पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने कहा-राशन-पानी बंद कर दिया तो बिलबिलाते भूखों मरेंगे बांग्लादेशी
शाहजहांपुर, अमृत विचार। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय (हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन, ईसाई) पर हो रहे अत्याचारों के विरुद्ध मानवाधिकार रक्षा मंच के बैनर तले बुधवार को विशाल जनसभा का आयोजन किया गया। खिरनीबाग जीआईसी मैदान में आयोजित जनसभा में हिंदू, बौद्ध, सिख, ईसाई, पारसी, जैन आदि अल्पसंख्यक वक्ताओं और धर्मगुरुओं ने बांग्लादेश में हो रहीं हिंसक घटनाओं की कड़ी और तीखी निंदा करते हुए केंद्र सरकार से इसे रोकने के लिए उचित कार्रवाई करने और इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की मांग उठाई। सभा के बाद राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह को सभा स्थल पर ही दिया गया।
इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती ने कहा कि आज बांग्लादेश में कट्टरपंथ जिस तेजी से उभर रहा है, वह पाकिस्तान की साजिश है। जिस देश का जन्म भारत की बदौलत हुआ, जहां बिजली, पानी, सड़क, भोजन और यहां तक कि सैन्य प्रशिक्षण भारत सरकार पूरी करता हो, वह देश आज हमें आंख दिखाने की कोशिश कर रहा है। वह भूल रहे हैं कि यदि हमने मदद देना बंद कर दिया, भूखों बिलबिलाते हुए मर जाएंगे। चिन्मयानंद ने कहा एक विशेषदल के नेता संभल पर छाती पीट रहे हैं, लेकिन बांग्लादेश में जो हो रहा है, उस पर मुंह नहीं खुल रहा है, क्योंकि वहां हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई, पारसी, जैनी अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने आह्वान किया कि यदि हम जाति, पंथ, संप्रदाय में बंटते रहेंगे, तो बांग्लादेश जैसे हालात यहां भी पैदा होंगे।
मुख्य वक्ता सामाजिक पर्यावरण कार्यकर्ता रणवीर सिंह ने बताया कि इस वर्ष 13 मई से 18 नवंबर तक बांग्लादेश में कट्टरपंथियों द्वारा अल्पसंख्यकों पर लगभग 40 बड़े हमले किए गए। ईश निंदा के आरोप में एक छात्र पर हमले शुरू होकर इंदिरा गांधी कल्चरल सेंटर को ध्वस्त कर दिया गया। कमलेश द्विवेदी के संचालन में चले कार्यक्रम में नरेंद्र शुक्ला और डॉ. आलोक कुमार सिंह ने अतिथियों का फूल मालाएं पहनाकर और अंगवस्त्र ओढ़ाकर सम्मानित किया।
समापन पर मानवाधिकार मंच के अध्यक्ष डॉ. सोम शेखर दीक्षित, महामंत्री सुरेंद्र नाथ वाल्मीकि, उपाध्यक्ष विनय अग्रवाल आदि ने मंच पर ही डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर महापौर अर्चना वर्मा, जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन डीपीएस राठौर, भाजपा जिलाध्यक्ष केसी मिश्रा, महानगर अध्यक्ष शिल्पी गुप्ता, विधायक अरविंद सिंह, वेद प्रकाश मौर्या, संजीव राठौर, कमल सिंह वर्मा, हरीश बजाज, डॉ. सत्य प्रकाश मिश्रा, डॉ. गौरव मिश्रा, धर्मेंद्र कुमार, राम सिंह, सचिन बाथम, शिखा सिंह, सुरेंद्र सिंह सेठ, पूनम सेठ समेत पूर्व सैनिक, सिख, जैन, ईसाई, बौद्ध आदि धर्मों के विशिष्टजन मौजूद रहे।
जनसभा में किसने-क्या कहा-
बांग्लादेश की घटनाओं पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि यह केवल धार्मिक अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न नहीं है, बल्कि मानवता के मूल्यों पर सीधा हमला है। केंद्र सरकार को बांग्लादेश को कड़ा सबक सिखाना जरूरी हो गया है। बांग्लादेश पर सभी प्रतिबंध लगा देना चाहिए। - विनय अग्रवाल, समाजसेवी
बांग्लादेश में जिहादियों द्वारा हिंदुओं समेत सभी अल्पसंख्यकों पर क्रूर अत्याचार किए जा रहे हैं। समाज को इससे सबक लेते हुए एकजुट होकर पूरी शक्ति से इसका प्रतिकार करना चाहिए। केंद्र सरकार को भी कूटनीति के तहत काम लेते हुए कड़ा कदम उठाना चाहिए। - सुरेंद्र नाथ वाल्मीकि, पूर्व अध्यक्ष सफाई कर्मचारी आयोग
सनातन धर्म और अपने समाज की रक्षा के लिए ही गुरु तेज बहादुर सिंह और गुरु गोविंद साहिब ने अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया था और आज भी सिक्ख समाज जरूरत पड़ने पर ऐसे आतंकियों को सबक सिखाने में रत्ती भर देर नहीं करेगा। बांग्लादेश को सबक सिखाना जरूरी है। - जसपाल सिंह, ग्रंथी
हमारा देश शांति प्रिय अवश्य है, लेकिन यदि हिंदुओं व अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचार तत्काल बंद नहीं किए गए, तो देश आंखें बंद कर नहीं बैठ सकता। केंद्र को हमलावरों को उन्हीं की भाषा में जवाब देना चाहिए। वहां का राशन-पानी बंद कर देना चाहिए। - महंत सत्यदेव, परशुराम धाम
बांग्लादेश की दमनात्मत कार्यवाही से पूरा ईसाई समाज दुखी और आक्रोशित है। ऐसी घटनाओं की निंदा कड़ी निंदा करते हैं और साथ ही विश्व समुदाय से अपील करते है कि इन घटनाओं को अविलंब रोका जाए और शांति बहाली कराई जाए। ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। - फादर वाई जेड दास, सेंट्रल मैथोडिस्ट चर्च
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक महिलाओं पर हो रहे अत्याचार बहुत शर्मनाक हैं। ऐसी घटनाएं सिर्फ अल्पसंख्यकों के लिए ही नहीं, बल्कि संपूर्ण समुदाय के लिए चुनौती हैं। यह मानवाधिकार का हनन है, जिसे तत्काल रोका जाना चाहिए। सशक्त समाज को इसके लिए कदम उठाए। - डॉ. सपना मैसी, निदेशक एनटीआई
पृथ्वी पर सबसे श्रेष्ठ जीवन मानव का ही है, इसमें देवों के साथ दानव भी पैदा हुए हैं। मानवाधिकार के हक सभी को समान रूप से है। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार रुकने चाहिए। भाईचारा का माहौल बहाल होना चाहिए। - धम्मपाल, बौद्ध भिक्षु
हमारे समाज को जाति पंथ से ऊपर उठकर समवेत स्वर ने जिहादियों द्वारा चलाए जा रहे एजेंडे को ध्वस्त करना चाहिए। कभी ईराक, ईरान और सीरिया में सनातन धर्म ही व्याप्त था, जहां आज मानवता के दुश्मन और कट्टरपंथी ताकतों का राज है। अमानवीय घटनाओं को रोका जाए। - स्वामी विजयदेव आर्य
बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है, वह अब बर्दाश्त से बाहर होता रहा है। इस मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाकर कड़ा संदेश देने का वक्त आ गया है। बांग्लादेश के साथ पाकिस्तान को भी सबक सिखाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके। - शिखा सिंह, सह जिला संयोजक, महिला समन्वय
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