कर चोरी के मामले में कार्ति चिदंबरम को मिली हाई कोर्ट से राहत

चेन्नई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम और उनकी पत्नी श्रीनिधि को मद्रास उच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। न्यायालय ने कर चोरी के एक मामले में आयकर विभाग की ओर से शुरू की गयी कार्यवाही को खारिज कर दिया। कार्ति की ओर से इस संबंध …
चेन्नई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम और उनकी पत्नी श्रीनिधि को मद्रास उच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। न्यायालय ने कर चोरी के एक मामले में आयकर विभाग की ओर से शुरू की गयी कार्यवाही को खारिज कर दिया। कार्ति की ओर से इस संबंध में पेश समीक्षा याचिका को स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति एन सतीश कुमार ने कहा कि जिस प्राधिकरण ने कार्यवाही शुरू करने की मंजूरी दी थी, उसके पास ऐसा कोई अधिकार था ही नहीं। इससे पूर्व उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एम सुंदर ने कार्ति और उनकी पत्नी की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया था जिसके बाद उन्होंने समीक्षा याचिका दायर की।
कार्ति एवं उनकी पत्नी उच्च न्यायालय के शरण में तब आये जब विशेष अदालत के न्यायाधीश डी लिंगेश्वरन ने उनकी निपटारा याचिका को उस आधार पर खारिज कर दिया कि इस बात के पर्याप्त आधार हैं कि आरोपी ने अपराध किया है। अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य में भी इसकी पुष्टि होती है। हार्ड ड्राइव सबूत नहीं हो सकते संबंधी याचिका को खारिज करते हुए जज ने कहा कि यह स्पष्ट है कि चेस ग्लोबल एडवाइजरी से जब्त किये गये हार्ड ड्राइव सवालों के घेरे में है तथा उन्हें सील कर हिरासत में रखा गया है।
शिवगंगा से लोकसभा सांसद कार्ति पर 2015-16 में 6.38 करोड़ रुपये नगद तथा उनकी पत्नी पर 1.35 करोड़ रुपये नगद हासिल करने का आरोप है। आयकर अधिकारियों ने अग्नि एस्टेट फाउंडेशन के कर्मचारियों से पूछताछ के दौरान इस मामले का खुलासा किया था। फाउंडेशन ने ही कार्ति के लिए मुट्टुकाडु में जमीन की खरीद की थी।
वर्ष 2015 के एक दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एवं आयकर अधिकारियों ने एडवांटेज एवं चेस ग्लोबल तथा अन्य स्थानों पर छापेमारी कर तलाशी ली थी। ये सभी कार्ति से जुड़े हुए थे। छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने मनी ट्रांजेक्शन के सबूत के तौर पर इलेक्ट्रानिक उपकरणें भी जब्त किए थे।