पीलीभीत में निक्षय मित्र योजना को जनप्रतिनिधियों की उदासीनता, समाजसेवियों की मदद से मिल रही राहत

सौरभ सिंह, अमृत विचार: सरकार की महत्वाकांक्षी निक्षय मित्र योजना को जनप्रतिनिधियों का सहयोग नहीं मिल पा रहा। आलम ये है कि किसी भी जनप्रतिनिधि ने इसमें सक्रिय भागीदारी नहीं दिखाई। जरूरतमंद मरीजों को योजना का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा। समाजसेवियों और सामाजिक संगठनों ने जरुर आगे आकर योजना को संजीवनी देने काम कर दिखाया है। वह निक्षय मित्र बनकर टीबी रोगियों को पोषण किट मुहैया करा रहे हैं।
वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने के संकल्प के साथ तमाम अभियान चलाए जा रहे हैं। टीबी रोगियों को सक्षम लोगों की ओर से गोद लेकर उनके पोषणयुक्त खानपान और समुचित देखभाल की पहल वर्ष 2019 में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की थी।
उन्होंने स्वयं विधायक, अफसर, सामाजिक संस्थाएं, निजी डॉक्टर आदि को प्रेरित किया था कि वे टीबी रोगियों को गोद लें। शुरुआत में इससे मरीजों के परिवार को राहत भी मिली और मनोबल भी बढ़ा। जनपद में इस योजना की शुरुआत तत्कालीन डीटीओ डॉ.राजेश भट्ट और सुपरवाइजर राजेश गंगवार ने दो -दो मरीजों को गोद लेकर की थी।
इसके बाद उन्होंने समाजसेवी संगठन और संस्थाओं से टीबी मरीजों को गोद लेने की अपील की। इससे प्रेरित होकर पूरनपुर के कौशलेंद्र सिंह भदौरिया भी आगे आए। वर्तमान में कौशलेंद्र भदौरिया ने नौ मरीजों को गोद ले रखा है। करीब छह से अधिक समाजसेवी ने 15 से अधिक टीबी मरीज गोद ले रखे हैं।
इनके अलावा जिला स्तरीय अफसर ने भी दो से पांच पांच बच्चों को गोद लिया हुआ है। मगर, किसी भी जनप्रतिनिधि ने इसमें योगदान नहीं किया है। स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों की माने तो वर्तमान में किसी भी जनप्रतिनिधि ने टीबी मरीज गोद नहीं ले रखा है।
जनपद में अभी तक टीबी मरीजों की संख्या एक हजार तक पहुंच गई थी। आठ दिसंबर से शुरू हुए 100 दिवसीय टीबी मरीज खोजी अभियान के तहत 1200 और नए मरीज मिले हैं। तीन माह तक चले सर्वे के बाद तेजी से आंकड़ा बढ़ा है।
2040 में 1018 को वितरित हुई पोषण पोटली
राज्य स्तर से मिले निर्देशों के अनुसार जनपद की 2568256 की आबादी में 443490 लोगों की टीबी स्क्रीनिंग की गई। यह 17.26 प्रतिशत की दर से की गई, जो निर्धारित लक्ष्य (15-20 प्रतिशत) के अनुरूप है। इस मामले में पीलीभीत प्रदेश में 9वें स्थान पर रहा। जनपद में 6514 टीबी रोगियों में से 4435 को डीबीटी के माध्यम से निक्षय पोषण योजना का लाभ मिला, जोकि 68 प्रतिशत की दर को दर्शाता है।
जिसमें पीलीभीत प्रदेश में 31वें स्थान पर रहा। वहीं, 2040 रोगियों में से केवल 1018 को पोषण पोटली वितरित की गई, जोकि 50 प्रतिशत है। इसमें जनपद को प्रदेश में 63वां स्थान मिल सका। हालांकि टीबी स्क्रीनिंग के तहत जिले में 136474 लोगों की जांच की गई, जिसमें सरकारी स्तर पर 31500 लोगों का एक्स-रे परीक्षण और निजी क्षेत्र में 9546 एक्स-रे किए गए। एक्स-रे परीक्षण के मामले में पीलीभीत प्रदेश में नौवें स्थान पर रहा।
टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में टीमें लगातार प्रयासरत हैं। 100 दिवसीय अभियान के तहत जिले को प्रदेश में नौवां स्थान मिला है। समाजसेवियों और अफसर टीबी मरीजों को गोद लेकर उन्हें पोषित बनाने में मदद कर रहे हैं। टीबी वर्ल्ड डे पर टीबी मुक्त ग्राम पंचायत को सम्मानित भी किया जाएगा- डॉ.आलोक कुमार, सीएमओ
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