प्रयागराज: विवाह और बच्चे के जन्म के बाद आपराधिक कार्यवाही बरकरार रखना औचित्यपूर्ण नहीं- HC

प्रयागराज, अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाबालिग के अपहरण व दुष्कर्म के आरोपी के खिलाफ चल रही कार्रवाई रद्द करते हुए कहा कि पीड़िता व याची दोनों ने शादी कर ली है। बच्चा भी पैदा हो गया है। दोनों खुशहाल जीवन बिता रहे हैं। पीड़िता अब बालिग हो चुकी है और वह वैवाहिक जीवन बिताना चाहती है। उसे अपनी पसंद की जिंदगी जीने का पूरा अधिकार है। ऐसे में पीड़िता की मां द्वारा दर्ज आपराधिक केस चलाना सोद्देश्यपूर्ण नहीं है। अगर आपराधिक कार्यवाही चलाई गई तो दंपति का खुशहाल वैवाहिक जीवन टूट जाएगा।
यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव मिश्रा की एकलपीठ ने मुरादाबाद निवासी दीपक की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याची ने कोर्ट को बताया कि उसकी धारा 311 की अर्जी विशेष जज पाक्सो, मुरादाबाद ने निरस्त कर दी, जिसके तहत पीड़िता की आयु दस्तावेज सम्मन करने की मांग की गई थी। याची के खिलाफ पीड़िता की मां जहांआरा ने नागफनी थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। चार्जशीट के बाद ट्रायल चल रहा है। अंत में कोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि दंपति के जीवन में एक बच्चा भी आ चुका है। अब आपराधिक केस चलाने का कोई औचित्य नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने भी ऐसे केस खत्म करने का आदेश दिया है। नाबालिग के साथ जीवन बिताने के कारण याची का कथित आरोप धुल चुका है। ऐसे में मामले को आगे बढ़ाना कोर्ट के समय की बर्बादी है।
ये भी पढ़ें- प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट में लगातार तीसरे दिन भी हड़ताल जारी, 'जस्टिस वर्मा गो बैक' के लगाए नारे