पीलीभीत: हाथियों को घेरें नहीं बल्कि उन्हें रास्ता दें, भगाने के लिए जलाएं सूखी मिर्च

पीलीभीत, अमृत विचार: पीलीभीत टाइगर रिजर्व में डेरा जमाए नेपाली हाथियों का आतंक बढ़ता जा रहा है। हाथी लगातार आबादी क्षेत्रों के आसपास पहुंचने के साथ कृषि फसलों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। इधर अब वन महकमे में इसको लेकर एडवाइजरी जारी की है।
करीब पांच माह पूर्व नेपाल की शुक्ला फांटा सेंचुरी से पांच नेपाली हाथियों का झुंड लग्गा भग्गा होते हुए पीलीभीत टाइगर रिजर्व में आ पहुंचा था। तीन माह पूर्व हाथियों का झुंड वापस जा रहा था कि इस बीच सुरई रेंज के समीप टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बाघ ने इन हाथियों के झुंड पर हमला कर दिया था। जिससे हाथियों को झुंड दो हिस्सों में बंट गया था। उस दौरान दो नेपाली हाथी टाइगर रिजर्व की माला रेंज में आ पहुंचे थे। तबसे यह दोनों नेपाली हाथी माला रेंज में डेरा जमाए हुए हैं।
दोनों हाथी दिन में जंगल में विचरण करने के साथ ही रात में जंगल से आबादी इलाकों के नजदीक पहुंचकर कृषि फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। हालांकि वन महकमे की ओर से निगरानी टीमें लगी हुई है। इधर अब लगातार नेपाली हाथियों की मौजूदगी के चलते वन एवं वन्यजीव प्रभाग के डीएफओ भरत कुमार डीके ने एडवाइजरी जारी की है। जारी एडवाइजरी के मुताबिक माला जंगल के पास जंगली हाथियों का गांवों और कॉलोनियों में आना खतरनाक हो सकता है। ऐसे में सतर्क रहना और सही कदम उठाना जरूरी है।
क्या करें-
- शांत और सतर्क रहने के साथ घबराने, चिल्लाने या अचानक हरकत करने से बचें।
- हाथियों की आंखों पर सीधी रोशनी डालने से वे पीछे हट सकते हैं।
- पटाखे या ढोल-नगाड़े बजाकर हाथियों को वापस भेजा सकता है।
- सूखी मिर्च और हाथी के गोबर को जलाने से निकलने वाली गंध हाथियों को दूर कर सकती है।
- हाथियों को रास्ता दें, यदि वे निकल रहे हैं तो उनका मार्ग अवरुद्ध न करें।
क्या न करें-
- हाथियों के नजदीक न जाएं क्योंकि वे शांत दिखने पर भी अचानक हमला कर सकते हैं।
- आग या पत्थर का इस्तेमाल करने पर हाथी आक्रामक होकर और ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- हाथियों का रास्ता रोके जाने पर वे नया रास्ता खोजने की कोशिश करेंगे, जिससे और ज्यादा नुकसान हो सकता है।
- अचानक आवाज या हलचल करने पर हाथी खतरा भांपकर हमला कर सकते हैं।
गजरौला में रात आबादी के नजदीक पहुंचे नेपाली हाथी, खदेड़ा
पीलीभीत टाइगर रिजर्व में पिछले करीब ढाई माह से डेरा जमाए नेपाली हाथियों को उत्पात एक बार फिर शुरू हो चुका है। सोमवार रात पूर्व माला रेंज के जंगल से निकले नेपाली हाथियों ने गजरौला क्षेत्र के बैवहा फार्म के किनारे पहुंचकर जमकर उत्पात मचाया था। उस दौरान हाथियों ने खेतों में खड़ी गेहूं की फसलों को भी रौंद डाला था।
इधर मंगलवार देर शाम नेपाली हाथी जंगल से निकलकर गजरौला के आबादी क्षेत्र के किनारे जा पहुंचे। आबादी के नजदीक खेतों में हाथियों को देखकर ग्रामीणों ने पटाखे दागने के साथ शोर-शराबा कर उन्हें बमुश्किल जंगल की खदेड़ा। माला रेंज के क्षेत्रीय वनाधिकारी रॉविन सिंह ने बताया कि हाथियों के जंगल के अदर ही रोकने की कोशिश की जा रही है। निगरानी टीमें लगी हुई हैं।
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