चुन्नीगंज से सेंट्रल तक पांचों अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशनों पर लगे आर्टवर्क, Kanpur के अतीत और वर्तमान की मिली झलक

कानपुर, अमृत विचार। मेट्रो रेल संरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) और मुख्यमंत्री के दौरे के बाद मोतीझील से सेंट्रल तक यात्री सेवाओं के विस्तार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। मेट्रो के अंडरग्राउंड सेक्शन में सफर करने वालों को शहर की शानदार सांस्कृतिक विरासत से भी परिचित होने का मौका मिलेगा। यहां 1857 का स्वतंत्रता संग्राम हो या औद्योगिक शहर को पहचान देने वाली इमारतें, मां गंगा का पावन तट हो या फिर चमड़ा उद्योग सभी धरोहरों को कानपुर मेट्रो के नए स्टेशनों पर जगह देने का प्रयास किया गया है। इसके लिये यहां आर्टवर्क पूरा कर लिया गया है।
चुन्नीगंज स्टेशन के निकट ही लाल इमली की ऐतिहासिक इमारत है और यही वजह है कि इसे स्टेशन के कॉनकोर्स पर लगे आर्टवर्क में प्रमुखता से दिखाया गया है। नवीन मार्केट स्टेशन में कानपुर नगर और आसपास के जिलों में बनाए जाने वाले विभिन्न उत्पादों जैसे लेदर बैग, चूड़ी, ज्वैलरी आदि को प्रमुखता से दर्शाया गया है। बड़ा चौराहा में गंगा घाट वाले दीवार की तरफ गंगा घाट और गंगा आरती के चित्र हैं। दूसरी दिवार पर बने चित्र में चाक पर पारंपरिक मिट्टी से बनते बर्तन का चित्र है।
नयागंज स्टेशन के निकट फूलबाग पार्क पड़ता है। इसीलिए इस स्टेशन की दीवारों पर प्रकृति के रंग बिखरे हैं। गंगा मेला, रंगोली, लड्डू और समोसे, शहर के बाजारों की खूबसूरती इन दीवारों पर उतार दी गई है।
कानपुर सेंट्रल में कनपुरिया भाषा और इतिहास को आर्टवर्क के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है। रानी लक्ष्मी बाई के नेतृत्व में लड़ी गई 1857 की क्रांति के चित्र और कनपुरिया बोली के शब्द इस स्टेशन पर विशेष आकर्षण के केंद्र हैं।
चुन्नीगंज से कानपुर सेंट्रल तक प्रत्येक स्टेशन के कॉनकोर्स को एक विशेष थीम पर आधारित आर्टवर्क से सजाया गया है। हमें उम्मीद है कि हमारा यह प्रयास कानपुरवासियों को पसंद आएगा। युवा पीढ़ी के लिए ये आकर्षक आर्टवर्क सेल्फी प्वाइंट बनकर उभरेंगे। - सुशील कुमार, प्रबंध निदेशक, (यूपीएमआरसी)
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