Bareilly: गन्ने की अच्छी पैदावार के लिए किसान अपनाएं वैज्ञानिक विधि

बरेली, अमृत विचार। अपर गन्ना आयुक्त विकास वीके शुक्ला ने किसानों को अधिक लाभ के लिए पारंपरिक विधि छोड़कर वैज्ञानिक विधि अपनाने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को कम लागत में अच्छा उत्पादन मिलेगा।
उन्होंने किसानों को यह जानकारी सोमवार को फरीदपुर के गांव खानपुर में निरीक्षण के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि ट्रेंच विधि से गन्ने की बुवाई करने से उपज में करीब 40 प्रतिशत बढ़ोतरी होगी। बताया कि एक हेक्टेयर में बुवाई के लिए करीब 70-75 क्विंटल गन्ने की आवश्यकता होती है। नाली में दो आंख के 10 गन्ने के टुकड़े प्रति मीटर की दर से डालने चाहिए। एक मीटर की दूरी में कम से कम 10 आंखें होनी चाहिए।
इस तकनीक से खेत तैयार करते समय एक गहरी जुताई करें। यही नहीं बुवाई के समय नाइट्रोजन की एक तिहाई मात्रा और सभी उर्वरकों का प्रयोग करें। इस बार सर्वाधिक बुवाई वाले गन्ना प्रजाति 0238 के रोग ग्रस्त होने से उत्पादन गिरा है। इस बार बीज परिवर्तन कराया जा रहा है। कई प्रजातियां शोध केंद्रों से मंगवाई जा रही है।
रिंग पिट विधि से होगी 700 हेक्टेयर में गन्ना बुवाई
जिला गन्ना अधिकारी यशपाल सिंह ने बताया कि फसल का अधिक उत्पादन पाने के लिए किसानों ने खेती पद्धति को बदला है। जिले में रिंग पिट विधि से 700 हेक्टेयर में गन्ना बुवाई होगी। अब तक क्षेत्र में 70 हेक्टेयर गन्ना बुवाई इस विधि से हो चुकी है। सामान्य विधि से 20 प्रतिशत किसान ही गन्ने की बुवाई कर रहे हैं। 60 से 70 प्रतिशत ट्रेंच विधि और करीब 25 प्रतिशत किसान रिंग पिट विधि से गन्ना बुवाई करेंगे। इसके लिए किसानों को गन्ना समिति की ओर से संचालित मशीनरी बैंक से किराए पर उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं।