Sambhal : हर्षा रिछारिया बोलीं-महादेव ने विचार दिया तो चली आई सनातनियों के बीच

संभल के कार्तिकेय महादेव मंदिर से दर्शन कर बाहर आतीं हर्षा रिछारिया।
संभल,अमृत विचार। महाकुंभ से चर्चा में आई इन्फ्लूएंसर व साध्वी हर्षा रिछारिया रविवार को संभल पहुंचीं। उन्होंने 46 साल बाद खुले कार्तिकेय महादेव मंदिर सहित कई तीर्थों के दर्शन किए। हर्षा ने कहा कि भगवान महादेव ने विचार दिया तो अपने सनातनी भाईयों के बीच संभल चली आई।
हर्षा रिछारिया ने शनिवार को अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर पोस्ट कर दूज को संभल आने की बात कही थी। रविवार दोपहर बाद हर्षा रिछारिया संभल पहुंचीं। विहिप से जुड़े लोगों के साथ वह खग्गू सराय के कार्तिकेय महादेव मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचीं। दर्शन के बाद पत्रकारों से बातचीत में बोलीं कि क्या हर्षा रिछारिया आजादी के साथ किसी मंदिर में दर्शन करने भी नहीं आ सकती है। हर चीज में कोई न कोई भावना होती है, संस्कृति से जुड़ी होती है। अपने सनातनी भाई बहनों से जुड़ी हैं उसके लिए उद्देश्य नहीं ढूंढा जाता है वहां पर भावनाएं देखी जाती हैं।
हर्षा रिछारिया ने कहा कि मैंने प्लान किया था कि मैं अकेले जा रही हूं संभल में, तो वहां कोई मिलेगा या नहीं मिलेगा। लेकिन यहां पर जो माहौल मुझे मिला वह मेरी सोच से विपरीत था। यहां लोगों ने मेरा साथ दिया। यह सभी मेरे भाई हैं यहां पर खड़े हैं और भाई दूज पर मैंने इनका तिलक किया है। यही मेरी हिम्मत बनकर खड़े हुए हैं। बात सिर्फ इस बहन की नहीं है हर उस बहन की है जिस पर बात उठेगी। अब वह समय आ गया है कि जब भाई ही बहन की हिफाजत करेगा। अब बहन को भी अपनी रक्षा में उतरना पड़ेगा।
संभल आने के सवाल पर कहा कि महादेव ने मेरे मन में यह विचार दिया कि मुझे संभल जाना चाहिए,सबसे मिलना चाहिए । मैं यहां पर इसीलिए आई अब इसका क्या प्रभाव किस पर पड़ेगा । कौन चर्चा में रहेगा, यह सब महादेव की रचना है उनका खेल है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर कहा कि मैं धन्यवाद करती हूं जो अलग-अलग लोगों को भी संभल के बारे में जानने के लिए मिला है। आने वाले वक्त में बहुत सारे सनातनी भाई-बहन यहां आएंगे और यहां के लोगों से जुड़ेंगे। मैं चाहती हूं कि आगे भी पूरे देश में फैलाएं कि संभल क्या है। संभल का क्या महत्व है और संभल कहां है। संभल की जामा मस्जिद में रंगाई पुताई पर हरा और भगवा रंग की बयानबाजी पर हर्षा ने बोला कि यह बिल्कुल बराबरी वाली मांग है। जब वहां पर मंदिर के साक्ष्य मिले हैं तो हरा रंग पोता जा रहा है तो भगवा रंग का ज्यादा हक है।
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