लखीमपुर खीरी में बाघ-तेंदुआ का आतंक, ग्रामीणों में भय का माहौल

लखीमपुर खीरी में बाघ-तेंदुआ का आतंक, ग्रामीणों में भय का माहौल

मैलानी, अमृत विचारः बफर जोन के मैलानी रेंज क्षेत्र के गांवों में बाघ और तेंदुआ का ऐसा आतंक हैं, जो आए दिन लोगों पर हमला कर पशुओं का शिकार बना रहा है, जिससे ग्रामीण भयभीत हैं। शनिवार को जंगल के खुटार रोड गदनिया बीट में दिन में रोड पर ही बाघ दिखने से हड़कंप मच गया।

शनिवार को मैलानी से खुटार रोड पर दो बार बाघ दिखने से दहशत फैल गई। रविवार को भी मैलानी से खुटार रोड पर बाघ देखा गया। लगातार बाघ की हो रही चहलकदमी से सलावतनगर, गाड़ीघाट, फुलहैया, कंधईपुर, सुखचौनापुर, मठोकर, ककराही, लड़तीं, धरसिंहपुर आदि गांव में दहशत का माहौल है। मैलानी क्षेत्र के गांवों के लोग बाघ और तेंदुआ की दहशत के साये में जी रहे हैं।

मजदूर खेतों में मजदूरी करने को भी तैयार नहीं हैं। इस क्षेत्र में प्रतिदिन बाघ देखा जा रहा है ग्रामीणों की मानें तो एक बाघ, एक तेंदुआ की आमद से वह प्रतिदिन किसी न किसी जानवर का शिकार कर रहा है। कहीं बकरी मारता है तो कहीं कुत्ता मार देता है। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग के कर्मचारी आकर कांबिंग के नाम पर खानापूर्ति कर लोगों को समूह में खेतों पर जाने, हाका लगाने, आग जलाने आदि बताकर चले जाते हैं।

बाघ के हमले की घटनाएं
-12 मार्च को मैलानी रेंज के वन निगम के पास कुरनिया जंगल में कुत्ते का शिकार।

-13 मार्च को बढ़ईपुर गांव निवासी जालिम कुमार पर हमला।

- 14 मार्च को अकील अहमद की दो बकरियों का किया शिकार, तीन बकरियां घायल।

- 15 मार्च को जेडएएस भट्टे पर चिमनी के पास पहुंच गया। फुकाई कर रहे लेबरों के होश उड़ गए।

ककराही गांव निवासी रंजीत कुमार ने बताया कि बाघ और तेंदुआ अक्सर गांव के पास देखे जाते हैं। गांव के लोगों की सूचना पर कभी कभार वनकर्मी पहुंचकर केवल सजग रहने की चेतावनी देते हैं।

ईंट भट्ठे पर काम करने वाले दिनेश कुमार, अमीरचंद ने बताया कि उनके सामने तेंदुआ आ गया था। हल्ला मचाकर डंडा मारा तो तेंदुआ भाग गया, जिससे फुंकाई कर रहे लेवर बाल बाल बचे।

ईंट भट्ठा के ठेकेदार शकील अहमद ने बताया कि रोज तेंदुआ, बाघ दिखने से ईंट पाथने वाली लेबर दहशत में है। इससे पहले भट्ठे पर दो बकरियों को मारकर तीन बकरियों को घायल कर दिया था।

मजदूरी कर रही शहीदुन ने बताया कि वनकर्मियों की लापरवाही से बाघ और तेंदुआ अक्सर भट्ठे तक आ जाते हैं। बाघ, तेंदुआ के कारण इंर्ट पथाई और भराई न होने से मजदूरी पर असर पड़ता है।

गदनिया बीट में पगचिह्न देखकर बाघ होने की पुष्टि हुई है। उन्होंने वन दरोगा कामता प्रसाद वर्मा, फॉरेस्ट गार्ड बृजेश शुक्ला, वाचर रामप्रसाद, गामा, अकबर, छिदंम्मी, अजीत की ड्यूटी लगाई है, जिससे बाघ, तेंदुआ किसी को नुकसान न पहुंचा सके-साजिद हसन रेंजर मैलानी

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