शाहजहांपुर: एसटीपी प्लांट की अधूरी क्षमता, शहर में बढ़ रहा प्रदूषण
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शाहजहांपुर, अमृत विचार: महानगर में बनकर तैयार होने के बाद भी एसटीपी प्लांट पूरी क्षमता के साथ नहीं चल पा रहा है। जिसके चलते नालों का पानी नदियों में जा रहा है और प्रदूषित कर रहा है। समय पूरा होने के बाद भी सीवर लाइन का काम पूरा नहीं हो सका है। अभी तक 20 से ज्यादा वार्ड प्लांट से नहीं जोड़े जा सके हैं।
समय से सीवर लाइन का काम पूरा न होने की वजह से एसटीपी प्लांट भी अधर में लटका हुआ है। 35 करोड़ खर्च कर बनाया गया प्लांट एक तरह से सफेद हाथी बना हुआ है। शहर में 186 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन डालने के लिए शासन की ओर से 3 अरब, 77 करोड़, 51 लाख 48 हजार रुपये का बजट मंजूर हुआ था। इसका काम जून 2021 में शुरू होकर 31 मई 2023 तक होना था।
इसके बाद दो-दो महीने करके कई बार काम आगे बढ़ाया जा चुका है। इसके बाद भी काम पूरा नहीं हो पा रहा है। अब भी कई किमी लाइन डालने का काम बाकी रह गया है। इसके साथ ही हजारों घरों को जोड़ना भी बाकी है। नदियों में डाले जा रहे गंदे नालों से सिर्फ गर्रा और खन्नौत नदियां ही गंदी नहीं हो रही हैं वरना यह गंदगी का जहर गंगा नदी तक भी पहुंच रहा है। यह नदियां एक जगह जाकर गंगा में मिलती हैं और गंगा तक गंदगी पहुंचाती हैं। गंगा के साथ ही उसकी सहायक नदियों का पानी साफ करने के शासन से निर्देश हैं।
डीएम भी इस संबंध में अधिकारियों को निर्देशित कर चुके हैं। सीवर लाइन के जरिये नालों का पानी एसटीपी पहुंचाकर शोधित कर नदी में डालने की योजना है, जोकि अधर में है। इससे मोहल्ला बहादुरपुरा से होकर निकलने वाला नाला लोधीपुर में खन्नौत नदी के पास गिर रहा है। बिजलीपुरा से निकलने वाला नाला खन्नौत नदी में बंका घाट पर नदी में गिर रहा है। यह नाला काफी बड़ा है। इस वजह से बंका घाट पर नदी के किनारे दलदल जैसा बन गया है।
इन दोनों नालों से शहर की करीब 10 से 15 हजार घरों का गंदा पानी आ रहा है। इस नाले में गिरने वाली नलियों को सीवर लाइन से नहीं जोड़ा गया है। सिंजई मोहल्ला से होकर गर्रा नदी में गिरने वाले नाले में चौक कोतवाली क्षेत्र के अधिकतर मोहल्लों का पानी आता है। यह नाला सीधे गर्रा नदी में गिरता
है।
नालियों को अभी तक सीवर लाइन से जोड़ा नहीं गया है। लाल इमली चौराहा से होते हुए सुभाषनगर से निकलकर गर्रा नदी में गिरने वाले बरुआ नाले में कई मोहल्लों का पानी गिरता है। इस क्षेत्र में सीवर लाइन डालने का काम पूरा हो चुका है, लेकिन क्षेत्र के घरों को नालों से नहीं जोड़ा गया है। लाखों लीटर गंदा पानी रोजाना नाले से गर्रा नदी में गिर रहा है।
वैसे तो सीवर लाइन डालने का काम काफी पहले पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन हो अभी तक नहीं पाया है। महानगर में 60 वार्ड हैं, लेकिन अभी तक सीवर लाइन सिर्फ 40 वार्ड में ही डाली जा सकी है। शेष वार्डों में अभी तक सीवर लाइन नहीं डाली जा सकी है।
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