प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मिला मॉरीशस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पुरस्कार पाने वाले पहले भारतीय

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मिला मॉरीशस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पुरस्कार पाने वाले पहले भारतीय

पोर्ट लुइस/नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार शाम पोर्ट लुइस में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए भोजपुरी में उनसे विस्तार से बात की। प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन’ से सम्मानित करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “मैं इस सम्मान को अत्यंत सम्मान के साथ स्वीकार करता हूं। यह भारत और मॉरीशस के बीच ऐतिहासिक संबंधों का सम्मान है।” 

मोदी यह सम्मान पाने वाले केवल पांचवें विदेशी व्यक्तित्व हैं, जिनमें रंगभेद विरोधी नेता और नोबेल पुरस्कार विजेता नेल्सन मंडेला भी शामिल हैं। उत्साही भीड़ को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, “दस साल पहले, इसी तारीख को, मैंने मॉरीशस का दौरा किया था... उस समय, होली का त्योहार एक सप्ताह पहले ही हो चुका था, और मैं अपने साथ भारत से फगवा की खुशियाँ लाया था। इस बार, मैं मॉरीशस की होली के रंगों के साथ जा रहा हूँ। और होली की बात करते हुए, मैं गुजिया को कैसे भूल सकता हूँ?” प्रधानमंत्री ने मुस्कुराते हुए कहा। “एक समय था जब भारत के पश्चिम में मिठाइयाँ बनाने के लिए मॉरीशस से चीनी आयात की जाती थी। 

प्रधानमंत्री ने जयकारों के बीच कहा कि शायद यही वजह है कि गुजराती में चीनी को मोरस भी कहा जाता है। समय के साथ, भारत और मॉरीशस के बीच संबंधों की मिठास बढ़ती जा रही है। सद्भाव की इसी भावना के साथ मैं कल मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर वहां के लोगों को बधाई देता हूँ।” अपने संबोधन में श्री मोदी ने दोनों देशों के बीच साझा इतिहास के प्रतिबिंब के रूप में 12 मार्च के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह तारीख महात्मा गांधी के दांडी मार्च की शुरुआत का प्रतीक है, जो औपनिवेशिक शासन के खिलाफ संघर्ष में एक महत्वपूर्ण क्षण था। 

मोदी ने बैरिस्टर मणिलाल डॉक्टर जैसे लोगों के योगदान को भी याद किया, जिन्होंने मॉरीशस में लोगों के अधिकारों की वकालत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रधानमंत्री मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ सर शिवसागर रामगुलाम के नेतृत्व में औपनिवेशिक शासन के खिलाफ उल्लेखनीय संघर्ष को भी याद किया। उन्होंने उल्लेख किया कि पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में सर शिवसागर रामगुलाम की प्रतिमा इस विरासत की याद दिलाती है। मोदी ने कहा कि आज मॉरीशस के प्रधानमंत्री के साथ पोर्ट लुइस में सर शिवसागर रामगुलाम की समाधि पर उन्हें श्रद्धांजलि देने का मौका मिलना उनके लिए सम्मान की बात है। श्री मोदी ने 1998 में अंतर्राष्ट्रीय रामायण सम्मेलन के लिए मॉरीशस की अपनी यात्रा को याद किया, जब वह किसी सरकारी पद पर नहीं थे। उन्होंने कहा, ‘‘संयोग देखिए, उस समय नवीनजी प्रधानमंत्री थे और जब मैं प्रधानमंत्री बना (2014 में) तो नवीनजी मेरे शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने भारत आए।’’ 

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