Lucknow News : अंसल पर खरीदारों के फंसे 113 करोड़, रेरा देगा चुनौती

Lucknow News : अंसल पर खरीदारों के फंसे 113 करोड़, रेरा देगा चुनौती

Lucknow, Amrit Vichar : उप्र रेरा ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) द्वारा दिए गए अंसल के दिवालिया आदेश को चुनौती देने का फैसला लेने के साथ हाईकोर्ट में अपील करने की तैयारी पूर्ण कर ली है। करीब 113 करोड़ रुपये घर खरीदारों का अंसल पर फंसा हैं। इसके समाधान के लिए एनसीएलटी के नियुक्त आईआरपी को अंसल के विरुद्ध जारी सभी वसूली प्रमाण-पत्र व अनुपालन के लिए लम्बित आदेशाें की प्रतियां भेजी हैं।

सुल्तानपुर रोड स्थित हाईटेक टाउनशिप में लाखों-करोड़ों रुपये फंसाए घर खरीदारों पर किसी तरह का प्रभाव न पड़े इसके लिए रेरा अंसल के दिवालिया आदेश के खिलाफ अपील करेगा। साथ की क्लेम के लिए सभी शिकायतकर्ता आवंटियों को ई-मेल से सूचित किया है कि वह निर्धारित फॉर्म-ब में आईआरपी के समक्ष अपना दावा प्रस्तुत करें। यह पहला मामला होगा जो कि रेरा अपील करेगा। क्योंकि रेरा के आदेश पर बिल्डर द्वारा धोखाधड़ी, नियम व शर्तों का पालन न करने जैसी शिकायतों में बड़ी संख्या में घर खरीदारों को कब्जे मिल रहे थे और उनकी धनराशि वापस हो रही थी। ऐसी 2,825 शिकायतों का निस्तारण किया था। रेरा के प्रयासों से लगभग 708 आवंटियों को उनके वर्षों से फंसे 125.39 करोड़ रुपये वापस मिले थे। फिरभी बड़ी संख्या में आवंटियों को उनके घर और भू-खंड का इंतजार है। ऐसे में एनसीएलटी के आदेश के बाद रेरा ऐसे होम बायर्स को अनुतोष देने की स्थिति में नहीं है। 

लखनऊ और गौतमबुद्ध नगर में फंसी जमा-पूंजी
हजारों आवंटियों ने अंसल एपीआई के लखनऊ और गौतमबुद्ध नगर की टाउनशिप्स में जीवनभर की जमा-पूंजी निवेश की है और वर्षाें से वह अपने घरों का इंतजार कर रहे थे। बड़ी संख्या में अंसल से पीड़ित आवंटियों ने रेरा में अपनी धनराशि वापसी और आवास पर कब्जा के लिए शिकायतें दायर की थीं।

1,234 आदेशों का नहीं किया अनुपालन, 19.73 करोड़ मांग
अंसल ने रेरा के 1,234 आदेशों का अनुपालन नहीं किया है। 619 वसूली प्रमाण-पत्रों की वसूली शेष है। इनमें आवंटियों के लगभग 113 करोड़ रुपये फंसे हुए हैं। शेष धनराशि प्रोमोटर के विरुद्ध लगाये गये अर्थदंड की 27 वसूली प्रमाण-पत्रों के सम्बन्ध में है। इसकी कुल मांग 19.73 करोड़ रुपये है। अंसल द्वारा रेरा कानून का उल्लंघन और आदेशों का अनुपालन न करने के लिए 19.73 करोड़ रुपये अर्थदंड भी लगाया गया है। हाल ही में अंसल द्वारा रेरा में रजिस्ट्रेशन कराए बिना गैर कानूनी ढंग से भू-खंडों के विक्रय का मामला संज्ञान में आने पर रेरा ने छह मामलों में 14 करोड़ रुपये से अधिक अर्थदंड लगाया था। इन सभी मामलों में वसूली प्रमाण-पत्र भी जिलाधिकारी, लखनऊ को वसूली के लिए भेजे हैं।

धनराशि वापसी के लिए भेजी 219 आदेशों की प्रतियां 
रेरा ने अंसल से आवंटियों को मिलने वाली धनराशि से सम्बन्धित सभी वसूली प्रमाण-पत्र आईआरपी नवनीत कुमार गुप्ता को भेजी हैं, कि उनके द्वारा आवंटियों को रेरा के आदेश से मिलने वाली धनराशि प्राथमिकता पर वापस कराई जाए। इसके अलावा आवंटियों के पक्ष में जारी ऐसे 219 आदेशों की प्रतियां आदेश को लागू करने की भेजी हैं। उप्र रेरा अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने बताया कि अंसल ने परियोजना के कार्यों को पूरा करने और रेरा के आदेशों का अनुपालन करने में हीला-हवाली की है। जो अब अपनी जिम्मेदारियों से न बच सके और निवेशकों का हित सुरक्षित रहे इसके लिए एनसीएलटी में इम्प्लीडमेन्ट अप्लीकेशन फाइल करने का फैसला किया है। आईबीसी कानून लागू होने के बाद आवंटियों के हित में अपील का यह पहला मामला होगा।

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