कानपुर में पांच करोड़ की हड़पी जमीन: कानूनगो और लेखपाल निलंबित; ऐसे मिलकर किया पूरा खेल

कानपुर, अमृत विचार। सचेंडी निवासी एक अधिवक्ता की पांच करोड़ कीमत की जमीन के बुआ के परिवार ने फर्जी दस्तावेज बनवाए, इसके बाद कानूनगो और लेखपाल ने उनसे जमीन खरीद ली। बाद में लेखपाल ने जमीन आरएनजी इंफ्रा को बेच दी। पीड़ित ने जिलाधिकारी से गुहार लगाई तो जांच हुई।
लेखपाल और कानूनगो को प्राथमिक जांच में दोषी मिलने पर निलंबित कर दिया गया। पीड़ित की तहरीर पर कोतवाली थाने में लेखपाल-कानूनगो समेत सात आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई। अब लेखपाल-कानूनगो की विभागीय जांच तीन सदस्यीय टीम कर रही है।
सचेंडी के भीमसेन रामपुर कला का पुरवा गांव निवासी अधिवक्ता संदीप सिंह ने बताया कि उनकी रामपुर में करीब 150 बीघा और पनकी के सिंहपुर कठार में 2 बीघा 13 बिसवा जमीन है। पीड़ित ने आरोप लगाया कि उनकी औरेया के फफूंद में रहने वाली बुआ राजपति, फूफा रघवीर सिंह, उनका बेटा अरुण, दूसरी बुआ राजकुमारी ने जमीन हड़पने के लिए लेखपाल अरुणा द्विवेदी और कानूनगो आलोक दुबे के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज बनवा लिए। 11 मार्च 2024 को लेखपाल व कानूनगो ने जमीन का बुआ से अपने नाम बैनामा कर लिया।
नायब तहसीलदार बिठूर से वरासत आदेश कराकर उसी दिन जमीन स्वयं लिखा ली। दोनों ने अपने और परिवार के नाम भूमि क्रय-विक्रय के लिए विभागाध्यक्ष से अनुमति भी नहीं ली। इसके बाद लेखपाल और कानूनगो ने जमीन को आएनजी इंफ्रा के अमित गर्ग को बेच दी।
इस पर पीड़ित ने जिलाधिकारी से गुहार लगाई थी। जिलाधिकारी ने मामले की गंभीरता देखते हुए पूरे प्रकरण की फाइल तलब की और तीन सदस्यीय टीम गठित कर जांच कराई। फर्जीवाड़े में लिप्त कानूनगो व उसके बाद लेखपाल को निलंबित कर दिया गया। जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने एसीपी कोतवाली को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए।
संदीप सिंह की तहरीर पर कोतवाली में राजपति देवी, राजकुमारी, रघुवीर सिंह, अमन सेंगर, लेखपाल अरुणा द्विवेदी, कानूनगो आलोक दुबे, अमित गर्ग के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी कर फर्जी दस्तावेज बनाने, आपराधिक साजिश करने समेत धाराओं में रिपोर्ट दर्ज हुई। कोतवाली इंस्पेक्टर जगदीश पांडेय ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
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