सुलतानपुर: बोर्ड परीक्षा की सुरक्षा में खतरा, बाइक और सवारी वाहन से ले जाई जा रही कॉपियां 

सुलतानपुर: बोर्ड परीक्षा की सुरक्षा में खतरा, बाइक और सवारी वाहन से ले जाई जा रही कॉपियां 
बोरी में भरकर बाइक से उत्तर पुस्तिकाएं ले जाता एक परीक्षा केंद्र का कर्मचारी

सुलतानपुर, अमृत विचार। जिले में शांति व नकल विहीन यूपी बोर्ड परीक्षा के संचालन का दावा तो किया जा रहा है, लेकिन शहर के जीआईसी में बनाए गए कोठार से शादी उत्तर पुस्तिकाएं केंद्रों तक बिना सुरक्षा के पहुंच रही हैं। कॉपियां पहुंचाने की जिम्मेदारी भले ही डीआईओएस की हो, लेकिन अब जरूरत के हिसाब से उत्तर पुस्तिकाएं केंद्र व्यवस्थापक खुद मंगा रहे हैं। कई केंद्रों से आने वाले लिपिक, चपरासी तो कॉपियों का बंडल बोरी में भरकर या चद्दर में बांधकर बाइक व सवारी वाहन से ले जाने को मजबूर हैं। 

जिले के 127 परीक्षा केंद्रों पर यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की वार्षिक परीक्षा चल रही है। इस महत्वपूर्ण परीक्षा को लेकर सुरक्षा के कड़े प्रबंध का दावा किया जा रहा है। सीसीटीवी कैमरे के बीच होने वाली परीक्षा में कागजों पर सब चाक चौबंद है। अब तक जिले में एक नकलची भी नहीं मिले हैं। फिर भी, शहर के जीआईसी में बनाए गए संकलन केंद्र पर बुधवार को स्थिति काफी असुरक्षित दिखी। यहां पर बनाए गए कोठार से कॉपियां केंद्रों तक जा रही हैं। यहां पर बैठे मात्र एक-दो कर्मचारी केंद्रों से आए प्रबंधक, लिपिक व चपरासी आदि जिम्मेदार को कॉपियां डिमांड के आधार पर दे रहे थे। यहां पर उतुरी से आए दो कर्मचारियों को उत्तर पुस्तिकाओं के संकलन के लिए काफी इंतजार करना पड़ा। उन्होंने बताया कि सवारी से आए हैं और कॉपियां लेकर सवारी वाहन से ही जाएंगे। वहीं, बरौंसा इंटर कॉलेज से आए एक लिपिक ने कॉपियां मिलने के बाद अपने पास मौजूद बोरी में उसे रखा और बाइक पर बांधकर ले गए। इसी तरह कोई अपने स्कूल का वाहन लेकर आया था तो कोई बाइक से ही उत्तर पुस्तिकाएं लेकर गया। 

बताना मुनासिब होगा कि इस तरह कॉपियां केंद्रों तक ले जाना असुरक्षित है। कॉपियां कहीं बदली भी जा सकती हैं। जबकि, कॉपियां केंद्रों तक पहुंचे, इसकी जिम्मेदारी विभाग की होती है। जिस तरह प्रश्न पत्र केंद्रों तक सुरक्षित पहुंचाने में विभाग जिम्मेदारी निभा रहा है, वैसे ही उत्तर पुस्तिकाएं भी पहुंचाई जानी चाहिए। 

ज्यादातर केंद्रों पर उत्तर पुस्तिकाएं पहुंचाई जा चुकी हैं। जहां पर कम पड़ती हैं, वहां पर केंद्र व्यवस्थापक अपने स्तर से व्यवस्था देख रहे हैं। बाइक या सवारी से गाड़ी से यदि कॉपियां जा रही हैं तो वह गलत है। मैं खुद इस मामले को जाकर देखता हूं- रविशंकर, डीआईओएस।

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