कानपुर के नवाबगंज में सर्राफा कारोबारी के घर पर 1.25 करोड़ की चोरी का खुलासा: दो चोर गिरफ्तार, CCTV कैमरे की मदद से पुलिस को मिली सफलता
कानपुर, अमृत विचार। नवाबगंज थानाक्षेत्र में सराफा कारोबारी की दुकान व घर से 1.25 करोड़ की चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले शातिरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए दोनों शातिरों की जेल में दोस्ती हुई थी। इनमें से एक चोर की पत्नी को छुड़वाने के लिए दोनों ने जमानत मिलने पर चोरी की योजना बनाई। पुलिस ने कारोबारी के यहां हुई चोरी का माल बरामद कर लिया है। पुलिस ने चोरों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया।
डीसीपी सेंट्रल दिनेश त्रिपाठी ने सोमवार को सराफा कारोबारी जुगुल किशोर के यहां हुई चोरी की घटना का खुलासा किया। सर्राफा बाजार में कारोबारी का तीन खंड का मकान है, जिसमें नीचे आगे दुकान और पीछे हिस्से में वह परिवार के साथ रहते हैं। बताया कि 30 दिसंबर की देर रात उनके घर में बगल के खाली प्लॉट से चोर घुसा और दीवार की खिड़की काटकर नीचे आया। देर रात करीब 1:30 बजे घर में प्रवेश करने के बाद सुबह चार बजे चोरी करके भाग निकला।
कारोबारी जुगुल ने नकदी और जेवरात समेत 1.25 करोड़ की चोरी की घटना के बारे में जानकारी दी थी। इसके बाद सर्विलांस समेत पांच टीमों को खुलासे के लिए लगाया गया था। टीमों ने ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत 200 से ज्यादा कैमरों को खंगालकर शातिर चोर बिठूर के हृदयपुर के तिसझा गांव निवासी विश्वनाथ कुशवाहा और दूसरे चोर चुनीपुर थाना सकीट एटा के दलबीर लोधी को गिरफ्तार कर लिया। दोनों के पास से चोरी के जेवरात 265 ग्राम सोना और 4 किलो चांदी समेत 30 लाख रुपये कीमत के जेवरात बरामद कर लिए हैं।
डीसीपी ने दावा किया कि शातिरों के पास से चोरी का काफी सामान बरामद किया गया है। डीसीपी सेंट्रल ने बताया कि एटा का रहने वाला दलवीर लोधी शातिर चोर है। उसके खिलाफ इससे पहले भी चोरी समेत अन्य नौ अलग-अलग गंभीर मुकदमे दर्ज हैं। दलवीर और विश्वनाथ कुशवाहा दोनों की मुलाकात जेल में हुई थी। बताया कि चोरी की घटना में दलबीर और उसकी पत्नी आरती जेल में बंद थे।
वहीं विश्वनाथ कुशवाहा अपने पत्नी की दहेज हत्या में जेल में बंद था। दलबीर अक्तूबर में जेल से जमानत पर छूटा वहीं विश्वनाथ 12 दिसंबर को जेल से जमानत पर बाहर आया था। दलबीर को पत्नी को जेल से जमानत पर छुड़ाने के लिए रुपये चाहिए थे,जबकि विश्वनाथ को पत्नी की हत्या के मामले में राहत पाने के लिए रुपये की जरूरत थी। इसके चलते दोनों ने मिलकर कारोबारी के घर चोरी की योजना बनाई।
डीसीपी के अनुसार विश्वनाथ सब्जी और अमरूद का काम करता है उसका नवाबगंज मंडी में उठना बैठना था। इसके चलते उसे पता था कि कारोबारी जुगल के पास मोटा माल है। इस पर विश्वनाथ ने दोस्त दलबीर के साथ रेकी करनी शुरू की। इसके बाद साजिश को अंजाम दिया। डीसीपी ने बताया कि चोरी की घटना वाले दिन विश्वनाथ बाहर ही था और दलवीर ने पूरी चोरी को अंजाम दिया था। इसके बाद दोनों भाग निकले थे।