लखनऊः 20 वर्षों से नहीं बनीं सड़क, जलभराव से निजात कब..
गुरुनानक वार्ड: न्यू सरदारी खेड़ा में बजबजा रहीं नालियां
लखनऊ, अमृत विचार: आलमबाग मुख्य मार्ग से चंद कदमों की दूरी पर गुरुनानक वार्ड का न्यू सरदारी खेड़ा जहां समस्याएं सुरसा की तरह मुंह बाए खड़ी हैं। सड़क 20 साल पहले बनीं थी। इंटरलाकिंग क्षतिग्रस्त होकर बैठ गई है। तकरीबन एक लाख की आबादी जलभराव को झेलने को मजबूर है। नालियां गंदगी से बजबजा रही हैं। संकरी गलियों में नालियों के ऊपर रखे पत्थर नालियों में समा चुके हैं। इससे सफाई तक नहीं हो पा रही है। बावजूद इसके यहां नगर निगम के जिम्मेदार झांकने तक नहीं आते। क्षेत्रीय निवासियों का कहना है कि समस्याएं देखना तो छोड़िये क्षेत्रीय पार्षद पीयूष दीवान फोन तक नहीं उठाते हैं। अमृत विचार आपके द्वार की टीम ने जानीं वार्ड की समस्याएं।
बदहाल सड़क पर वाहन तक निकलना मुश्किल
न्यू सरदारी खेड़ा जाने वाली सड़क दो दशक से नहीं बनी है। सड़क की इंटरलाकिंग टाइल्स जगह-जगह बैठ गई है। गली इतनी पतली है कि वाहन निकल पाने मुश्किल हैं। क्षेत्रीय निवासी किसी तरह गड्ढों से बचते-बचाते वाहन लेकर निकलते हैं। मामूली सी असावधानी वाहन सवार पर भारी पड़ती है। लोगों के वाहन इन गड्ढों में फंसकर पलट जाते हैं।
एक लाख की आबादी झेल रही जलभराव की समस्या
गुरुनानक वार्ड की लगभग 1 लाख की आबादी वर्षों से जलभराव की समस्या झेल रही है। जलनिकासी की व्यवस्था न होने से बारिश में यहां सड़कों पर घुटनों तक पानी भर जाता है। न्यू सरदारी खेड़ा, प्रेमनगर, पूरन नगर, सिघड़ी का मैदान आदि क्षेत्रों के निवासी जलभराव की समस्या से परेशान हैं।
जल निगम डाल रहा सीवर लाइन, नहीं जोड़े जा रहे सभी घरों से कनेक्शन
आलमबाग क्षेत्र में सीवर लाइन नहीं थी। 2020 से जल निगम यहां सीवर लाइन डाल रहा है। इसके लिए सड़क और गलियां खोदकर छोड़ दी थीं। इससे पिछले 4 साल से लोग परेशानी का सामना कर रहे हैं। सीवर डालने का काम अभी चल रहा है। अभी तक घरों का सीवर लाइन से कनेक्शन नहीं किया गया है। इसमें अभी कितना समय लगेगा किसी को पता नहीं।
सफाईकर्मी हैं 140 पर झाड़ू लगाने वाला कोई नहीं
गुरुनानक वार्ड में सड़कों पर झाड़ू लगाने और नालियों की सफाई के लिए कागजों पर 140 सफाईकर्मी हैं। लेकिन क्षेत्र में कर्मचारी कोई नहीं आता। इससे सड़क और गलियों में जगह-जगह गंदगी दिखती है। नालियों के ऊपर पत्थर रखने के बाद कभी हटाकर नालियों की सफाई नहीं की गई। इससे नालियां गंदगी से चोक हैं। बिना बारिश क्षेत्र में नालियों का गंदा पानी सड़क पर बहता है।
कूड़ा ज्यादा हुआ तो जला दिया
नगर निगम के कर्मचारी घरों से कूड़ा उठाने नहीं आते हैं। न्यू सरदारी खेड़ा में लोगों ने खाली प्लॉट को ही कूड़ा घर बना दिया है। आस-पास के लोग इसी प्लाट में कूड़ा डाल देते हैं। जब ढेर लग जाता है तो कूड़ा जला देते हैं। इससे दमघोटूं धुंआ निकलता है लोग परेशान होते हैं। नशेड़ियों और आवारा पशुओं का भी यहां जमावड़ा लगा रहता है। घनी आबादी के बीच खाली भूखंड पर अंधेरा होते ही अराजक तत्व जमा हो जाते हैं। इससे लोग शाम होने के बाद यहां से निकलने से बचते हैं।
छत पर मत जाना है...
न्यू सरदारी खेड़ा में बिजली के खंभों पर तारों पर मकड़जाल है। लोहे की रेलिंग से लगी हुई बिजली की लाइन गुजर रही है। हाथ बढ़ाओ और छू लो। लोग बच्चों को छत पर आने से रोकते हैं। मकान की पहली मंजिल पर लगी लोहे की रेलिंग पर कभी भी करंट उतर सकता है। शायद बिजली विभाग किसी हादसे का इंतजार कर रहा है।
बाजारों से कूड़ा उठने की व्यवस्था पर दिया जाए ध्यान
लखनऊ व्यापार मंडल के वरिष्ठ मंत्री मनीष अरोड़ा ने कहा कि इलाके के बाजारों में प्रतिदिन कूड़ा नहीं उठ पा रहा है। दुकानों एवं घरों से कूड़ा निकालने की परंपरा पर भी विराम लगा हुआ है। न्यू सरदारी खेड़ा अपनी बदहाली की दास्तां बयां कर रहा है। चलने को सड़क नहीं है। पीने को साफ पानी नहीं, बिजली के तार घरों से होकर गुजर रहे हैं। इसकी वजह से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। सफाई कर्मी अपने मन मुताबिक कार्य कर रहे हैं। मोहल्ले के लोग गंदगी में रहने को मजबूर हैं।
बोले स्थानीय लोग-
-नगर निगम के कर्मचारी सफाई करने आते ही नहीं है। नालियों की गंदगी सड़क तक फैली रहती है। जिसके कारण सड़क पर चलना दूभर हो गया है। -प्रशांत वर्मा
-पूरन नगर मस्जिद से लेकर सिंगड़ी के मैदान तक की सड़क खस्ताहाल है। गड्ढे इस कदर हैं कि दो पहिया वाहन चालक अक्सर इसमें गिरकर चोटिल होते हैं। - विनय श्रीवास्तव
-नालियों से मलबा निकालने के बाद सड़क पर ही फैला रहता है। जिसकी वजह से सड़क पर गंदगी फैली रहती है और आने-जाने में परेशानी होती है। -शिवम कश्यप
-कई वर्षो बाद सीवर पाइप लाइन पड़ रही है लेकिन कोई भी काम मानक के अनुसार नहीं किया गया है। ढाल तक दुरुस्त नहीं है। घरों से पाइप नहीं जोड़े गए हैं। -संदीप गुप्ता
-न्यू सरदारी खेड़ा में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। सफाई कर्मी आते ही नहीं है। कई बार शिकायत की गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। -प्रमोद कुमार
-मोहल्ले में कूड़ा उठता ही नहीं है। हम लोग खुद ही कूड़ा एकत्र कर फेंकने जाते हैं। इस कारण जहां फेंकने जाते है आस-पास के लोगों से झगड़ा भी हो जाता है। -अनुज कुमार
-नालियों का गंदा पानी घरों में प्रवेश कर जाता है। मंदिर जाने वाले लोग इसी गंदगी के बीच से होकर गुजरने को मजबूर हैं। स्थानीय नेता तक झांकने नहीं आते हैं। -गुड्डी
-मंदिर की दीवार पर कूड़ा गाड़ी खड़ा करके कर्मचारी चले जाते हैं। मना करने पर लड़ाई करते हैं। मंदिर के आसपास भी भारी गंदगी देखने को मिलेगी। -सौरभ वर्मा
-मोहल्ले में एक भी पार्क नहीं है, बच्चे खेलने कहा जाएं। कई बार पार्षद से कहा गया कि क्षेत्र में एक पार्क का निर्माण करा दें जिससे बच्चों का शारीरिक विकास हो और आसपास ही रहें। -ब्रजमोहन
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अमृत विचार आपके द्वार टीम- गोपाल सिंह, अमित पांडेय और छायाकार प्रमोद शर्मा