रामपुर : 'कहीं और नहीं देखा रजा लाइब्रेरी जैसा बहुमूल्य संग्रह', इराक के राजदूत मिर्जान मोहम्मद ने जामा मस्जिद और इमामबाड़ा किला भी देखा
रजा लाइब्रेरी के बाहर इराक के राजनयिक... साथ में पूर्व मंत्री नवेद मियां।
रामपुर, अमृत विचार। भारत में इराक के राजदूत नजर मिर्जान मोहम्मद ने रजा लाइब्रेरी पहुंचकर खुशी का इजहार किया। कहा कि यह गर्व की बात है कि रजा लाइब्रेरी में 17000 पांडुलिपियां, इस्लामी सुलेख के दो हजार नमूने, 1300 ऐतिहासिक सिक्के और हजारों पुस्तकें मौजूद हैं। यह रामपुर के नवाबों का बहुत ही अच्छा कार्य है। ऐसा बहुमूल्य संग्रह कहीं और नहीं देखा।
पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां के निमंत्रण पर आए इराक के राजदूत रविवार को रजा लाइब्रेरी पहुंचे। उनके साथ भारत-इराक संबंधों के काउंसलर अली सादिक, अब्दुलहादी अल अहमद, पॉलिटिकल काउंसलर अली अब्दुल लतीफ एच आल्हावास और अताशे मोहम्मद हाशिम हसन अल्जाफरी भी मौजूद रहे। राजनयिकों ने रजा लाइब्रेरी में कई घंटे गुजारे। उन्होंने हामिद मंजिल स्थित दरबारे हॉल में 120 वर्ष से जल रहे बल्ब को देखकर हैरानी जताई।
हजरत अली, इमाम सादिक और इमाम जाफर अलैहिस्सलाम के हाथों से लिखे कुरआन को देखकर कहा कि रजा लाइब्रेरी में मौजूद संग्रह को देखने के लिए दुनियाभर के लोगों को आना चाहिए। यह ज्ञान का भंडार है। पूर्व मंत्री नवेद मियां ने राजनयिकों को दीवान ए बाबर, नहजुल बलागा और अल फसाहतुल हिंदिया की प्रतियां भेंट कीं। इससे पूर्व राजनयिकों ने ऐतिहासिक जामा मस्जिद देखी। इमामबाड़ा किला में रोशनी की। फैज खां के घर जाकर उनसे मुलाकात की। इस मौके पर पूर्व मंत्री के पीआरओ काशिफ खां, फैज खान, सबाहत खां, मोहम्मद फैजी भी मौजूद रहे।
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