बरेली: हाउस टैक्स...तीन हजार लोगों की करनी है कुर्की, बस इस बात की है देरी
पिछले साल की तुलना में इस बार टैक्स की वसूली को बताया बेहतर
बरेली, अमृत विचार। नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी (सीटीओ) प्रदीप कुमार मिश्र ने डीएम को सफाई दी है कि उन्होंने बकाया टैक्स अदा न करने वाले तीन हजार लोगों की चल संपत्ति कुर्क करने का फैसला लिया है लेकिन मजिस्ट्रेट उपलब्ध न होने की वजह से वह इस पर अमल नहीं कर पा रहे हैं।
उन्होंने पिछले साल की तुलना में ज्यादा वसूली करने का भी दावा किया है और अक्टूबर में रोका गया वेतन दिलाने की फरियाद की है। हाउस टैक्स और वाटर टैक्स की वसूली खराब रहने पर बरेली को डी ग्रेड मिलने के बाद डीएम ने सीटीओ का स्पष्टीकरण मांगने के साथ उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी थी।
डीएम रविंद्र कुमार ने 30 दिसंबर को सीटीओ को जारी नोटिस में सीएम डैश बोर्ड पर नवंबर 2024 में जिले को निम्न ग्रेड मिलने का जिक्र किया था। कहा था, नगर विकास एवं गरीबी उन्मूलन में हाउस टैक्स और वाटर टैक्स की वसूली लक्ष्य की तुलना में कम रहने पर सीएम डैश बोर्ड पर बरेली को अगस्त और सितंबर में ई श्रेणी और नवंबर में डी श्रेणी मिली है। समीक्षा बैठकों में बार-बार निर्देश जारी किए जाने के बावजूद इस मामले में कोई सुधार नहीं हुआ जिसका जिले की रैंकिंग पर प्रतिकूल असर पड़ा है। यह स्थिति लापरवाही की ओर इशारा करती है। डीएम ने तीन दिन के अंदर सीटीओ से तथ्यात्मक स्पष्टीकरण मांगते हुए चेतावनी दी थी कि भविष्य में भी कोई सुधार न हुआ तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के साथ उनके विभागाध्यक्ष को भी संस्तुति भेजी जाएगी।
सीटीओ ने अब डीएम को दो पेज का स्पष्टीकरण भेजा है। इसमें पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में ज्यादा वसूली किए जाने का दावा करते हुए कहा गया है कि उन्होंने तीन हजार बकायादारों को डिमांड नोटिस जारी किए हैं। कई साल से टैक्स अदा न कर रहे इन बकायादारों की चल संपत्ति कुर्क की जानी है। कुर्की की कार्रवाई के लिए वह 28 नवंबर को ही मजिस्ट्रेट उपलब्ध कराने के लिए नगर आयुक्त को पत्र लिख चुके हैं। मजिस्ट्रेट उपलब्ध होते ही कुर्की की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
पिछले साल के मुकाबले आठ करोड़ ज्यादा वसूली
सीटीओ ने डीएम को भेजे स्पष्टीकरण पिछले साल की तुलना में अक्टूबर से दिसंबर के बीच करीब 810 करोड़ की ज्यादा वसूली करने का भी दावा किया है। एक तालिका के जरिए बताया है कि पिछले साल अक्टूबर में 283.31 करोड़ की वसूली हुई थी जिसकी तुलना में इस बार अक्टूबर में 1005.56 करोड़ की वसूली हुई है। नवंबर में भी 388.68 करोड़ की तुलना में 507.76 करोड़ की वसूली हुई है। दिसंबर 2023 में 646.69 करोड़ की वसूली हुई थी। इस बार दिसंबर में 615.41 करोड़ की वसूली हुई है।
सरकारी विभाग नहीं अदा कर रहे टैक्स
सीटीओ ने अपने स्पष्टीकरण में टैक्स वसूली प्रभावित होने के कारण भी बताएं हैं। उन्होंने कहा है कि वे वसूली में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। तीन महीनों से अभियान के तहत वार्डों में कैंप लगाकर आपत्तियों के निस्तारण के साथ वसूली करा रहे हैं। लक्ष्य के अनुरूप वसूली न होने का एक कारण उन्होंने यह भी बताया है कि सरकारी विभाग भी अपना पुराना बकाया अदा नहीं कर रहे हैं। उन्होंने सितंबर 2024 तक वसूली अवरुद्ध रहने का भी अपने स्पष्टीकरण में जिक्र किया है।