Bareilly: क्या है लेप्टोस्पायरोसिस बीमारी? जिला अस्पताल में अब करा पाएंगे वायरल लोड की जांच
अभी तक लखनऊ भेजे जाते थे सैंपल, तीन दिन में आती थी रिपोर्ट
बरेली, अमृत विचार: अब लेप्टोस्पायरोसिस के मरीजों के वायरल लोड की जांच जिला अस्पताल में होगी। इसके लिए बीएसएल टू लैब में मशीन को दुरुस्त करा लिया गया है।
अभी तक वायरल लोड जांच की सुविधा यहां नहीं थी। मरीजों के सैंपल जांच के लिए लखनऊ भेजे जाते थे। रिपोर्ट आने में दो से तीन दिन का समय लगता था। इससे मरीजों का इलाज प्रभावित होता था, मगर अब यहीं जांच की सुविधा मिलेगी। तीन से चार घंटे में जांच रिपोर्ट मिल सकेगी। मरीजों को त्वरित इलाज मिल सकेगा। इन मरीजों की निगरानी करने वाली आईडीएसपी की टीम को भी सहूलियत मिलेगी। इस वर्ष जिले में तीन मरीजों में जानलेवा लेप्टोस्पायरोसिस की पुष्टि हुई थी। बारिश के दिनों में जलभराव से लेप्टोस्पायरोसिस के मामले बढ़ते हैं।
क्या है लेप्टोस्पायरोसिस बीमारी
विशेषज्ञों के मुताबिक लेप्टोस्पायरोसिस लेप्टोस्पायर नामक जीवाणुओं से उत्पन्न होता है, जो संक्रमित जानवरों के मूत्र में पाया जाता है। यह संक्रमण जानवरों से होते हुए मनुष्य तक फैल सकता है। यह बीमारी चूहे, गिलहरी, भैंस, घोड़े, भेड़, बकरी, कुत्ते से फैलती है।
इस संबंध में लैब प्रबंधन को निर्देशित किया गया है। जांच में उपयोग होने वाले उपकरण और रिजेंट के लिए मांग पत्र ड्रग कॉरपोरेशन भेज दिया गया है- डॉ. अलका शर्मा, एडीएसआईसी, जिला अस्पताल।
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