लखनऊ को डेढ़ लाख से अधिक बांग्लादेशियों से खतरा, जांच कमेटी दो दिन में सौंपेगी रिपोर्ट, बाहरी किए जाएंगे बाहर
बांग्लादेशियों को जगह देने वालों के खिलाफ भी होगी कार्रवाई
लखनऊ, अमृत विचार। शहर में बढ़ते बांग्लादेशी अब शहरवासियों की सुरक्षा के लिए खतरा बन गए हैं। न केवल शहर देश को भी इनसे खतरा है। जो दिन में सफाई, कूड़ा बीनना और रात में चोरी जैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं। बढ़ती संख्या से इनके हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि अब यह लोग नगर निगम द्वारा की जा रही साफ-सफाई और व्यवस्था का विरोध कर मारपीट पर उतारू हो रहे हैं। इन सबके ठिकानों के साथ आधार कार्ड की जांच कराकर इन्हें बाहर किया जाएगा। शहर में इनकी संख्या 1.75 लाख पहुंच गई है। यह बातें शुक्रवार को नगर निगम में महापौर सुषमा खर्कवाल ने आयोजित प्रेसवार्ता में कहीं। रविवार को बांग्लादेशियों ने जोन-7 इंदिरा नगर में अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ हुई मारपीट की घटना इसका उदाहरण है। इस दौरान नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह भी साथ रहे।
बना दी गई है कमेटी, दो दिन में देगी रिपोर्ट
बताया कि इनके ठेले से कूड़ा उठाने के खिलाफ अभियान चलाया तो टीम पर हमलावर हो गए। हालांकि मारपीट करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर इनकी झुग्गियां ध्वस्त करा दी गई हैं। पत्रकारों से रूबरू खर्कवाल ने कहा कि बांग्लादेशियों, रोहिंग्या व असम के लोग भी अधिक संख्या में हैं। अब यह लोग शहर में कहां-कहां बसे हैं, इन सबकी जांच की जाएगी। कमेटी बना दी गई है। दो दिन में यह जांच कर रिपोर्ट सौंपेगी। इन ''बाहरियों'' की कितनी झुग्गियां व मकान हैं। किसके प्लाट पर कब्जा किया या फिर किसने रहने को जगह दी। परिवार में कितने लोग हैं और क्या काम करते हैं। दो दिन में इनका ब्योरा खंगालकर रिपोर्ट शासन व प्रशासन को भेजी जाएगी। इन्हें जगह देने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे।
1.75 लाख ''बाहरी'' छीन रहे शहर के लोगों का रोजगार
महापौर ने बताया कि इन लोगों ने यहां के लोगों का रोजगार छीन लिया है। पहले झाड़ू उठाई और अब सब्जी बेचने लगे। वाहनों को रोककर भीख भी मांगते हैं और न देने पर उंगली में कील लगाकर शीशा क्षतिग्रस्त करते हैं। बांग्लादेशियों की संख्या 1.75 लाख है। दिन में यह काम करते हैं और रात में चोरी करते हैं। हाल में बैंक के लॉकर काटने की घटना में पुलिस छह लोगों को असम से लेकर आई थी। यह आधार कार्ड दिखाकर यहां का नागरिक बताते हैं, लेकिन सड़क और पटरी पर कब्जा करके रहने वालों के आधार कार्ड कहां से बने। इनके वोटर कार्ड से चुने गए जनप्रतिनिधियों से लोकतंत्र को भी खतरा है। असम के लोगों के पास यदि भारतीय नागरिकता मिली तो उनके कार्यों आदि की जांच करा शहरी आवास में शिफ्ट कराया जाएगा। वहीं, नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने बताया कि यह लोग अवैध रूप से बसे हैं। बिजली, पानी अवैध रूप से इस्तेमाल करते हैं। ज्यादातर लोगों ने सबमर्सिबल की बोरिंग तक करा रखी है। कूड़ा उठाने में यह दिक्कतें पैदा कर रहे हैं। लोगों से अपील है कि साथ आएं औेर इनसे दूरी बनाएं। अगर कहीं पर कूड़ा नहीं उठता या वाहन नहीं आते तो टोलफ्री पर जानकरी दें।
मंगलवार से भिक्षावृत्ति वालों के खिलाफ चलेगा अभियान
नगर आयुक्त ने बताया की शहर में भिक्षावृत्ति में लगे बच्चों व बड़ों को एक सर्वे के माध्यम से टीमों ने चिह्नित किया है। इनकी संख्या 2400 करीब है। मंगलवार से इनके खिलाफ अभियान चलाएंगे। इसमें नगर निगम, डूडा, प्रशासन, प्रोबेशन विभाग, शिक्षा विभाग व एनजीओ साथ रहेंगे। इस दौरान मिले बच्चों को शिक्षा व योजनाओं से लाभान्वित करेंगे।
कूड़ा उठान के लिए इन नंबरों पर करें कॉल
18001234999 व 18002026172
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