पीलीभीत: फंसे खजुरिया पचपेड़ा के प्रधान, डीएम ने जारी किया नोटिस...कई बिल बाउचर पाए गए फर्जी

पीलीभीत: फंसे खजुरिया पचपेड़ा के प्रधान, डीएम ने जारी किया नोटिस...कई बिल बाउचर पाए गए फर्जी

पीलीभीत, अमृत विचार। ग्राम पंचायत में हुई जांच के बाद लाखों का घोटाला सामने के बाद अब खजुरिया पचपेड़ा के ग्राम प्रधान और तत्कालीन सचिव पर शिकंजा कसता नजर आ रहा है। प्रथम दृष्टया जांच में लाखों के घोटाले की पुष्टि होने के बाद अब डीएम ने ग्राम प्रधान को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। डीएम की ओर से जारी नोटिस में 15 दिन के भीतर साक्ष्य सहित जवाब न देने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

मामला बरखेड़ा ब्लाक की ग्राम पंचायत खजुरिया पचपेड़ा का है। गांव के कुछ ग्रामीणों ने शपथ पत्र सहित डीएम से की शिकायत में ग्राम प्रधान एवं सचिव द्वारा ग्राम पंचायत में कराए गए कराए में वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाते हुए जांच कराने की मांग की थी। डीएम के निर्देश पर जांच अधिकारी मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अरविंद कुमार एवं बाढ़ खंड के सहायक अभियंता धुव्र नरायन 17 अक्टूबर को गांव पहुंचकर मामले की जांच की थी।  जांच के दौरान बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता का मामले का सामने आया है। जांच आख्या के मुताबिक कोरोना काल में 06 बार में 83018 रुपये विभिन्न खातों के माध्यम से आहरण मॉस्क एवं सैनेटाइजर के लिए किया गया। इसकी जांच में पाया गया कि मास्क, सैनिटाइजर आदि खरीद की प्रस्तुत की गई कैश मेमो में दो कैलेन्डर वर्षों की अलग-अलग तिथियां पाई गई। इन तिथियों में कोरोना का प्रभाव भी काफी कम हो गया था। स्टॉक पंजिका में भी कोई विवरण नहीं मिला। सैनेटाइजर छिड़काव के फोटोग्राफ भी कोरोनाकाल के बाद के प्रतीत होने का संदेह जताया। एमएस इंटर प्राइजेज के खाते में एक ही तिथि में फर्जी रूप से एक ही वाउचर नंबर दर्शा अलग-अलग धनराशि का फर्जी रूप से 2,31870 का आहरण करने की शिकायत की जांच में प्रधान द्वारा पांच बिलों की छाया प्रति प्रस्तुत की। जांच में वाउचरों पर कोई भी बिल नंबर अंकित नहीं पाया गया और सभी बिलों एक ही तिथि में निर्गत होना पाए गए। इसके अलावा हैंडपंप मरम्मत के नाम पर  2,03,595 की धनराशि निकालने की शिकायत के मामले की जांच में ग्राम प्रधान द्वारा महेश प्लंबर ट्रेडर्स के विभिन्न तिथियों के पांच बिल उपलब्ध कराए गए। बिल संख्या 61 में तिथि अंकित नहीं पाई गई, जबकि एक अन्य बिल का नंबर भी 61 पाया गया। इसमें धनराशि अलग-अलग अंकित पाई गई। हैंडपंप मिस्त्री के बिलों के प्रथम दृष्टया अवलोकन में पाया गया मिस्त्री द्वारा लेबर जार्च के अतिरिक्त हैंडपंप के सामान की आपूर्ति का खर्च भी जोड़ते हुए बिल पेश किए गए। सरिया सीमेंट के खातों में 5,77,895 रुपये का फर्जी आहरण के मामले में जांच को लेकर ग्राम प्रधान द्वारा प्रज्ञा सीमेंट स्टोर बरखेड़ा के 11 बिल की प्रतियां उपलब्ध कराई गई। जांच में पाया गया कि बिल संख्या 486, 487 में बिल संख्या काटकर दोबारा नंबर अंकित किए। जांच के दौरान कई बिलों में त्रुटियां पाई गई।  इसके अलावा जांच में राजा बिक्र फील्ड के खातों में वर्ष 2021-22 में नौ बार में 2,72, 913 रुपये का आहरण किया गया। बिलों की जांच में बिल संख्या 361, 362, 365 और 389 पर कोई तारीख अंकित नहीं पाई गई।

प्रारंभिक जांच समिति की जांच आख्या में ग्राम प्रधान एवं तत्कालीन सचिव द्वारा मिलकर स्टोर पर्चेज नियमावली एवं वित्तीय नियमों का घोर उल्लंघन कर मनमाने तरीके से फर्जी बिल तैयार कर शासकीय धनराशि का दुरुपोग पाया गया। जांच आख्या के आधार पर डीएम संजय कुमार सिंह ने ग्राम प्रधान राजेंद्र कुमार को प्रथम दृष्टया वित्तीय अनियमितताओं का दोषी मानते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जारी नोटिस में 15 दिन के अंदर कोई संतोषजनक साक्ष्यों सहित उत्तर न देने पर पंचायत राज अधिनियम के तहत कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। वहीं उन्होंने जिला पंचायत राज अधिकारी को संबंधित तत्कालीन सचिव को भी कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं।

ग्राम पंचायत खजुरिया पचपेड़ा में जिलाधिकारी द्वारा कराई गई जांच में शासकीय धनराशि का दुरुपयोग पाया गया है। जिलाधिकारी की ओर से ग्राम प्रधान को कारण बताओ नोटिस किया गया है। जांच में दोषी पाए गए  सचिव को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है। -रोहित भारती, जिला पंचायत राज अधिकारी।