Mahakumbh से पहले नालों का करोड़ों लीटर पानी पांडु नदी से गंगा में पहुंचा...STP नहीं चलने पर दूषित पानी किया गया बायपास
कानपुर, अमृत विचार। महाकुंभ शुरू होने में गिनती के दिन बचे हैं, लेकिन गंगा और पांडु नदी में नालों का गंदा पानी जाना नहीं रुक रहा है। केस्को द्वारा घंटों बिजली कटौती किए जाने से 210 एमएलडी क्षमता के बिनगवां एसटीपी से नालों का दूषित पानी सीधे पांडु नदी में बहा दिया गया, जो गंगा नदी में पहुंच गया।
एसटीपी की बिजली दिसंबर माह के 8 दिनों में कुल 83 घंटे गायब रही। जल निगम ग्रामीण ने केस्को को बिजली कटौती का यह आंकड़ा देते हुये कहा है कि ऐसी हालत में गंगा की निर्मलता बनाए रखना मुश्किल है।
उत्तर प्रदेश जलनिगम ग्रामीण के अधिशासी अभियंता राम निवास ने केस्को को पत्र भेजा है कि दिसंबर माह में कुल 8 दिनों में 83 घंटे बिजली कटौती की गई। इस दौरान निजी कंपनी ने 47 घंटे जेनरेटर चलाकर नालों का पानी शोधित किया। लेकिन 36 घंटे एसटीपी नहीं चलने से नालों का दूषित पानी बायपास कर पांडु नदी में छोड़ा गया।
सीओडी नाले का पानी भी पांडु नदी में बहाया जा रहा
सीओडी नाले का पानी पांडु नदी को लगातार दूषित कर रहा है। निजी कंपनी के कर्मचारियों के अनुसार सीओडी नाले के डायवर्जन प्वाइंट पर लगी जाली खराब हो जाने के कारण वहां से दूषित पानी बायपास कर सीधे पांडु नदी में छोड़ा जा रहा है।
जेनरेटर पूरी क्षमता से नहीं चला पाता है STP
एसटीपी के पूर्ण संचालन के लिए चार मोटरें चलाने की आवश्यकता होती है। लेकिन यहां लगे जेनरेटर केवल तीन मोटरें चलाने की ही क्षमता रखते हैं। ऐसे में बिजली कटौती होने पर जेनरेटर चलता जरूर है, लेकिन जल शोधन का काम पूरी क्षमता से नहीं हो पाता है, इस दौरान बिना शोधन के करोड़ों लीटर गंदा पानी सीधे पांडु नदी में पहुंच जाता है ।
कब कितनी बिजली कटौती
दिनांक पॉवर कट (घंटे में)
6 दिसंबर 10.45
7 दिसंबर 15.20
16 दिसंबर 08.45
22 दिसंबर 08.05
24 दिसंबर 10.35
25 दिसंबर 10.30
28 दिसंबर 06.45
30 दिसंबर 13.30
नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 33 केवी का स्वतंत्र फीडर लगाया गया है, जिससे एसटीपी को बिजली मिलती है। इसमें न्यूनतम पॉवर कट का प्रावधान है। एसटीपी और एसपीएस को पूरी क्षमता से चलाने के लिये निर्बाध बिजली चाहिए, जो नहीं मिल रही है। इस संबंध में केस्को को पत्र लिखा है।- राम निवास, अधिशासी अभियंता, जलनिगम ग्रामीण