Bareilly: तो इस फर्म के जरिए हुई थी नियुक्ती, टाइपिंग आती नहीं, फिर भी कर रहे नगर निगम में नौकरी
बरेली, अमृत विचार : नगर निगम में हिंदी टाइपिंग न जानने वाले कंप्यूटर ऑपरेटरों की नियुक्ति भी नाला सफाई का ठेका लेने वाली फर्म के जरिए की गई थी। इस नए खुलासे ने फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि नाला सफाई की ही काफी खराब गुणवत्ता होने के बावजूद अफसरों ने एक के बाद एक इस फर्म को इतने काम कैसे दे दिए।
नगर निगम में कंप्यूटर ऑपरेटरों की आउटसोर्सिंग इग्नाइटेड सॉफ्ट नाम की फर्म के जरिए की गई थी जो नगर निगम में नालों की सफाई का ठेका लेती आ रही है। इस फर्म के जरिए दो साल पहले नगर निगम में 51 कंप्यूटर ऑपरेटरों को रखा गया था जिन्हें टैक्स, निर्माण, लेखा, जलकल, स्वास्थ्य समेत नगर निगम के सभी विभागों के साथ मेयर और नगर आयुक्त के कार्यालयों में भी तैनाती दी गई थी। कुछ समय पहले खुलासा हुआ कि इनमें से ज्यादा कंप्यूटर ऑपरेटर हिंदी टाइपिंग न आने की वजह से काम नहीं कर पा रहे हैं और गूगल की मदद से जैसे-तैसे नौकरी चला रहे हैं। इसकी वजह से नगर निगम का सामान्य कामकाज प्रभावित हो रहा है, बड़े पैमाने पर गलतियां भी हो रही हैं।
इसके बाद दोबारा टेस्ट लिया गया तो 51 में से 30 कंप्यूटर ऑपरेटर फेल हो गए। अब इन कंप्यूटर ऑपरेटरों को हटाकर दूसरी नियुक्तियां करने का निर्देश दिया गया है। इसी के साथ यह भी खुलासा हुआ है कि अयोग्य कंप्यूटर ऑपरेटरों की नियुक्तियां भी अफसरों ने नालों की सफाई का ठेका लेने वाली फर्म इग्नाइटेड सॉफ्ट के जरिए कर डाली थी। अब नगर आयुक्त की सख्ती के बाद इस गोलमाल की परत दर परत खुल रही है। प्रकरण को ठंडे बस्ते में डालने की भी जुगतबाजी शुरू हो गई है। इस बीच ऑपरेटर छुट्टी लेकर चले गए हैं।
कौन खा रहा है वेतन में हिस्सा
यह भी खुलासा हुआ है कि कंप्यूटर ऑपरेटरों का कागजों पर 20 से 25 हजार रुपये का वेतन नियत है लेकिन उन्हें हाथ में 12 से 15 हजार रुपये ही दिए जा रहे हैं। अब इस सवाल का भी जवाब ढूंढा जा रहा है कि इन कंप्यूटर ऑपरेटरों का पैसा बीच में कौन खा रहा है। कहा जा रहा है कि इस बंदरबांट में कई लोगों का हाथ हो सकता है। बता दें कि नियुक्तियों के लिए भी रिश्वत लिए जाने का आरोप लगा था फिर भी उसकी अनदेखी कर नियुक्तियां कर ली गई थीं।
संदिग्ध हाथों में दे दिए अहम दस्तावेज
नगर निगम के कार्यालयों में आउटसोर्सिंग पर रखे गए कंप्यूटर ऑपरेटरों को आंख बंद कर महत्वपूर्ण दास्तेवज सौंप दिए गए। कहा जा रहा है कि इन ऑपरेटरों को टाइपिंग भले न आती हाे, लेकिन नगर निगम के अहम दस्तावेजों के बारे में उन्हें पूरी जानकारी है। उनकी नियुक्ति में कुछ पूर्व अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की साठगांठ बताई जा रही है। अंदेशा जताया जा रहा है कि इन कंप्यूटर ऑपरेटरों के जरिए बाहरी लोगों ने नगर निगम के महत्वपूर्ण रिकॉर्ड तक पहुंच बना ली थी।
गुणवत्ताहीन काम, फिर भी अफसर मेहरबान
नाला सफाई करने वाली फर्म इग्नाइटेड सॉफ्ट पर नगर निगम की कोई बड़ी हस्ती मेहरबान बताई जा रही है।कहा जा रहा है कि इसी वजह से इस फर्म को एक के बाद एक टेंडर दिए जाते रहे। नगर निगम में पहली बार कदम रखने वाली इस फर्म नालों की सफाई जैसा महत्वपूर्ण काम दिया गया जिसकी गुणवत्ता पर हमेशा सवाल उठते रहे। इसके बावजूद उसने नगर निगम में और गहरी पैठ बना ली।
इसके बाद उसे 51 कंप्यूटर ऑपरेटरों की सप्लाई का टेंडर दे दिया गया। हिंदी टाइपिंग और डेटा तक भरना न जानने वाले ये ऑपरेटर अब नगर निगम के हर विभाग में भारी सिरदर्द बने हुए हैं। कुछ महीने पहले इसी फर्म को सर्दी में शहर में अलाव जलाने के लिए लकड़ी की आपूर्ति करने का भी टेंडर दे दिया गया।
कड़ाके की सर्दी के बावजूद अब तक शहर में अलाव नहीं जले हैं। पांच सड़कों की विशेष सफाई का ठेका लेने वाली फर्मों में भी इग्नाइटेड सॉफ्ट शामिल है। पिछले दिनों नगर आयुक्त के निरीक्षण में इन पांचों सड़कों पर गंदगी के अंबार लगे पाए गए थे।
नगर निगम से अयोग्य कर्मचारियों को हटाया जाएगा। जिस फर्म ने ऐसा किया है, उसके खिलाफ भी कार्रवाई का निर्देश दिया है। किसी भी नियुक्ति में फर्म के लिए संबंधित क्षेत्र में अनुभव जरूरी होता है। पूरे मामले की जांच की जा रही है- उमेश गौतम, मेयर।
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